चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग, डिजिटल मतदाता सूची और स्वतंत्र ऑडिट पर जोर
नई दिल्ली, [Aug 11, 2025] — भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के दर्जनों सांसदों और नेताओं ने सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि हालिया चुनावों में मतदाता सूचियों में हेराफेरी और “वोट चोरी” के मामले सामने आए हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
पार्लियामेंट से चुनाव आयोग तक मार्च में रोके गए नेता
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने संसद भवन से चुनाव आयोग तक पैदल मार्च निकालने की कोशिश की। लेकिन दिल्ली पुलिस ने बिना अनुमति के इस रैली को रोकते हुए जगह-जगह बैरिकेड लगाए।
पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य सांसदों को हिरासत में ले लिया। मौके पर मौजूद नेताओं ने “चुनाव आयोग निष्पक्ष बनो” और “वोट चोरी बंद करो” जैसे नारे लगाए।
मुख्य मांगें: पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया
विपक्ष ने चुनाव आयोग से तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
- डिजिटल मतदाता सूची को सार्वजनिक किया जाए।
- मतदाता सूचियों का स्वतंत्र ऑडिट कराया जाए।
- चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
राहुल गांधी का आरोप और कांग्रेस का अभियान
राहुल गांधी ने कहा,
“महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर वोट चोरी हुई है। कई इलाकों में एक ही पते पर दर्जनों नाम दर्ज मिले हैं।”
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर #StopVoteTheft नाम से एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है और लोगों से http://votechori.in पर जाकर या 9650003420 पर मिस्ड कॉल देकर समर्थन जताने की अपील की है।
चुनाव आयोग और सरकार की प्रतिक्रिया
अब तक चुनाव आयोग ने इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं, भाजपा ने विपक्ष के दावों को “बिना सबूत के निराधार” बताया है।
आगे की रणनीति
विपक्ष ने घोषणा की है कि आने वाले दिनों में देशभर में जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि मतदाताओं को इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके।