14 साल के वैभव सूर्यवंशी बने भारतीय क्रिकेट का नया स्टार, BCCI ने शुरू किया खास ट्रेनिंग प्रोग्राम

newsdaynight
3 Min Read

मुख्य तथ्य

  • 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने IPL डेब्यू सीजन में 35 गेंदों में जड़ा शतक, बने सबसे कम उम्र के IPL सेंचुरियन।
  • इंग्लैंड अंडर-19 वनडे सीरीज में 355 रन बनाकर रहे टॉप स्कोरर, स्ट्राइक रेट 02।
  • BCCI ने NCA बेंगलुरु में शुरू किया विशेष हाई-परफॉर्मेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम।
  • लंबे फॉर्मेट में प्रदर्शन सुधारने पर कोचिंग फोकस।
  • कोहली और रोहित की ODI भविष्य को लेकर अटकलों के बीच वैभव को लेकर बढ़ी उम्मीदें।

विस्तृत रिपोर्ट

भारतीय क्रिकेट इस समय एक बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के करियर के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही BCCI ने भविष्य की कमान संभालने के लिए नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को तैयार करने की रणनीति पर काम तेज कर दिया है। इसी प्रक्रिया में 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का नाम सबसे आगे निकलकर आया है।

वैभव ने इस साल अपने डेब्यू IPL सीजन में ही क्रिकेट जगत को चौंका दिया, जब उन्होंने महज 35 गेंदों में शतक जड़कर रिकॉर्ड बुक में जगह बना ली। वे IPL इतिहास के सबसे कम उम्र के सेंचुरियन बन गए। इसके बाद इंग्लैंड अंडर-19 वनडे सीरीज में भी उनका बल्ला जमकर बोला। उन्होंने 355 रन बनाए, औसत रहा 71 और स्ट्राइक रेट 174.02—स्पष्ट है कि सफेद गेंद के क्रिकेट में वे एक अलग ही स्तर पर खेल रहे हैं।

उनके इसी प्रदर्शन से प्रभावित होकर BCCI ने उन्हें बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में शामिल किया है। यहां उनके लिए एक खास हाई-परफॉर्मेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार किया गया है, जिसमें तकनीकी सुधार के साथ-साथ मानसिक मजबूती और लंबी पारी खेलने की कला पर भी काम किया जा रहा है।

वैभव के कोच मनीष ओझा बताते हैं, “टी20 और वनडे में वैभव की शुरुआत से आक्रामक खेलने की आदत उनकी सबसे बड़ी ताकत है। लेकिन लंबे फॉर्मेट में उन्हें धैर्य और स्थिरता की जरूरत है। हमारा लक्ष्य है कि वे 10 में से 7-8 पारियां ऐसी खेलें जो मैच का रुख बदल दें।”

यह तैयारी ऐसे समय में हो रही है, जब कोहली और रोहित के ODI भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हैं। मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया दौरा उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय सीरीज हो सकता है। ऐसे में, BCCI के लिए वैभव जैसे खिलाड़ियों को तैयार करना केवल विकल्प नहीं, बल्कि रणनीतिक आवश्यकता है।

टीम इंडिया के लिए आने वाले सालों में वैभव सूर्यवंशी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि उम्मीद का प्रतीक बन सकते हैं—और उनकी कहानी अभी बस शुरुआत है।

Share This Article
Leave a Comment