प्रस्तावित कानून में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को जेल में 30 दिन रहने पर स्वतः पद छोड़ना होगा।
प्रमुख तथ्य
- केंद्र सरकार संसद में नया विधेयक पेश करने जा रही है।
- गंभीर अपराध में 30 दिन जेल काटने वाले पीएम, सीएम और मंत्री पद खो देंगे।
- राष्ट्रपति या राज्यपाल सलाह पर या स्वतः ही पद से हटाएंगे।
- विधेयक संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन करेगा।
- उद्देश्य: संवैधानिक नैतिकता और जनता का विश्वास बनाए रखना।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एक ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है, जो भारतीय राजनीति की दिशा बदल सकता है। सरकार लोकसभा में एक नया विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जिसके तहत गंभीर अपराधों में आरोपित प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद छोड़ना पड़ेगा।
क्या है विधेयक का प्रावधान?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई मंत्री ऐसे अपराध में दोषी पाया जाता है, जिसमें 5 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है और वह लगातार 30 दिन जेल में रहता है, तो उसका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा।
- प्रधानमंत्री की स्थिति में राष्ट्रपति, उनकी सलाह पर मंत्री को हटा देंगे।
- मुख्यमंत्री की स्थिति में राज्यपाल, उनकी सलाह पर कार्रवाई करेंगे।
- लेकिन अगर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री स्वयं जेल में हों और सलाह न दे सकें, तो 31वें दिन पद स्वतः खत्म हो जाएगा।
गिरफ्तारी और हिरासत पर भी लागू
नया प्रावधान सिर्फ सजा तक सीमित नहीं होगा, बल्कि गिरफ्तारी या हिरासत की स्थिति में भी लागू होगा। यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर अपराध में 30 दिन तक निरंतर हिरासत में रहता है, तो उसे भी पद से हटाया जाएगा।
संविधान में संशोधन
यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन करने का प्रयास करता है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में भी बदलाव करते हुए नया खंड (4A) जोड़ा जाएगा। इस खंड के तहत, अगर कोई मंत्री 30 दिन से अधिक हिरासत में रहता है तो उपराज्यपाल या राज्यपाल उसकी बर्खास्तगी सुनिश्चित करेंगे।
क्यों जरूरी माना जा रहा है यह कानून?
केंद्र सरकार का कहना है कि यह कदम संवैधानिक नैतिकता की रक्षा करने और जनता का भरोसा मजबूत करने के लिए आवश्यक है। लोकतंत्र में चुने गए नेता जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक होते हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति किसी गंभीर आपराधिक संदेह से परे हो।
राजनीतिक महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विधेयक राजनीति में लंबे समय से उठ रही ‘अपराधीकरण की चिंता’ को दूर करने का बड़ा कदम होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस विधेयक पर क्या रुख अपनाता है और क्या इसे संसद की मंजूरी मिलती है।