दिल्ली के 6 स्कूलों को ईमेल से बम धमकी, तीसरी बार अलर्ट

newsdaynight
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तीन दिन में तीसरी बार राजधानी के स्कूलों को मिली धमकी; पुलिस, बम निरोधक दस्ते और फायर ब्रिगेड ने की तलाशी।

मुख्य तथ्य

  • गुरुवार सुबह दिल्ली के 6 स्कूलों को ईमेल से बम धमकी मिली।
  • धमकी भरे मेल सुबह 6:35 से 8 बजे के बीच भेजे गए।
  • पुलिस, बम निरोधक दस्ते और फायर कर्मियों ने तुरंत तलाशी अभियान शुरू किया।
  • इस हफ्ते पहले सोमवार को 30 और बुधवार को 50 स्कूलों को मिली थी फर्जी धमकी।
  • पुलिस का अनुमान—VPN के जरिए मेल भेजे जा रहे हैं ताकि ट्रैक न किया जा सके।


राजधानी दिल्ली में स्कूलों को बम धमकियों से दहलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार सुबह छह अलग-अलग स्कूलों को ईमेल के जरिए धमकी भरे संदेश मिले। यह इस हफ्ते का तीसरा ऐसा मामला है।

दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के मुताबिक, धमकी भरे मेल सुबह 6:35 बजे से 8 बजे के बीच प्राप्त हुए। जिन स्कूलों को निशाना बनाया गया उनमें आंध्र एजुकेशन सोसाइटी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (प्रसाद नगर), BGS इंटरनेशनल स्कूल (द्वारका), राव मान सिंह सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल (नजफगढ़), कॉन्वेंट स्कूल (नजफगढ़), मैक्स फोर्ट स्कूल (द्वारका) और इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल (द्वारका) शामिल हैं।

सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ता और फायर ब्रिगेड की टीमें स्कूलों में पहुंचीं और तलाशी अभियान शुरू किया। खास बात यह है कि आंध्र स्कूल को दूसरी बार ऐसी धमकी मिली है।

लगातार मिल रही हैं फर्जी धमकियां

इससे पहले सोमवार को 30 से ज्यादा स्कूलों को इसी तरह की धमकी मिली थी, जबकि बुधवार को 50 स्कूलों को ईमेल भेजे गए थे। दोनों ही मामलों में तलाशी के बाद ये धमकियां झूठी साबित हुईं।

पुलिस का कहना है कि भेजने वाले लोग VPN का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनकी पहचान और लोकेशन ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है। रिकॉर्ड बताते हैं कि पिछले साल दिल्ली में कुल 25 बम धमकी के मामले सामने आए थे, जबकि इस साल अब तक सिर्फ आठ महीने में ही पांच दिन ऐसे मामले दर्ज हो चुके हैं।

बच्चों के शरारती मेल भी सामने आए

दिल्ली पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में एक छात्र को पकड़ा था जिसने परीक्षा से बचने के लिए अपने स्कूल को बम धमकी का ईमेल भेज दिया था। चूंकि उसने VPN का इस्तेमाल नहीं किया था, इसलिए पुलिस आसानी से उसे ट्रैक कर पाई। छात्र को बाद में काउंसलिंग देकर छोड़ दिया गया।

इसी साल जुलाई में भी एक 12 वर्षीय छात्र ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) और सेंट थॉमस स्कूल (द्वारका) को फर्जी धमकी मेल भेजे। जांच में पता चला कि उसने महज स्कूल बंद करवाने की नीयत से ये मेल भेजे थे।

पुलिस की बढ़ी चुनौती

लगातार फर्जी धमकियों ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। हर अलर्ट के बाद बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वाड और फायर टीमों को मौके पर भेजना पड़ता है। अधिकारी मानते हैं कि यह न सिर्फ सुरक्षा संसाधनों पर बोझ है बल्कि छात्रों और अभिभावकों में डर और अफरातफरी भी पैदा करता है।

फिलहाल, पुलिस साइबर सेल VPN के जरिए भेजे गए ईमेल की जांच में जुटी है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि चाहे धमकी असली हो या फर्जी, हर कॉल को गंभीरता से लिया जाएगा।

 

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