संसद से पास हुए बिल के बाद फैंटेसी गेमिंग कंपनियों पर रोक, IPL और ISL जैसे टूर्नामेंटों की फंडिंग पर बड़ा असर।
मुख्य तथ्य
- संसद ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पास किया, राष्ट्रपति की मंजूरी बाकी।
- फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए खेल संगठनों को भारी फंडिंग मिलती थी।
- सरकार ने सुरक्षा, मनी लॉन्ड्रिंग और नशे जैसी चिंताओं को वजह बताया।
- कंपनियां कोर्ट का रुख कर सकती हैं; Dream11 जैसी कंपनियां सबसे ज्यादा प्रभावित।
- ऑफशोर बेटिंग कंपनियों की जांच पहले से जारी, कई देशों में पहले ही बैन।
पिछले एक दशक में भारत का खेल पारिस्थितिकी तंत्र (sports ecosystem) तेजी से फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर होता गया। चाहे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) हो, इंडियन सुपर लीग (ISL), कबड्डी लीग या राष्ट्रीय क्रिकेट टीम—इन सबकी जर्सी पर रियल-मनी फैंटेसी गेमिंग कंपनियों के लोगो साफ दिखते थे।
लेकिन अब यह तस्वीर बदल सकती है। लोकसभा और राज्यसभा से पास होकर ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेग्युलेशन) बिल, 2025 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। अगर यह कानून बनता है, तो न केवल फैंटेसी गेमिंग कंपनियों का भविष्य बल्कि उन पर निर्भर खेल टीमें, खिलाड़ी और प्रसारक भी आर्थिक झटके झेल सकते हैं।
सरकार का तर्क: सुरक्षा और समाज पर खतरा
केंद्र सरकार ने इस बिल को लाते हुए कहा कि रियल-मनी गेमिंग से मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, मनी लॉन्ड्रिंग और यहां तक कि आतंकवाद की फंडिंग तक की घटनाएं जुड़ी हुई हैं। सरकार के मुताबिक, यह “राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की अखंडता” के लिए खतरा है।
इंडस्ट्री का विरोध
ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि यह प्रतिबंध “एक वैध और रोजगार सृजक उद्योग का अंत कर देगा” और करोड़ों भारतीय यूजर्स को नुकसान होगा। कंपनियां अब कोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं।
खेल जगत पर असर
स्पोर्ट्स लॉयर नंदन कमाथ ने कहा कि यह बिल केवल गेमिंग ही नहीं बल्कि पूरे भारतीय खेल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए टर्निंग प्वाइंट है, क्योंकि कई लीग्स और टीमें सीधे या परोक्ष रूप से इन कंपनियों के पैसों से चलती हैं। Dream11 जैसी कंपनी की वैल्यूएशन 8 बिलियन डॉलर है और उसने BCCI को तीन साल के लिए ₹358 करोड़ की स्पॉन्सरशिप दी है। इसी तरह, My11Circle ने IPL से पांच साल के लिए ₹625 करोड़ का करार किया था।
ऑफशोर बेटिंग कंपनियों पर भी नजर
भारत में फैंटेसी गेमिंग के साथ-साथ ऑफशोर बेटिंग कंपनियां भी बाजार पर कब्जा करने की कोशिश कर रही थीं। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना से एक कथित बेटिंग ऐप मनी-लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ की। 1xBet जैसी कंपनियां पहले ही ब्रिटेन, रूस और अमेरिका समेत कई देशों में बैन की जा चुकी हैं।
आगे का रास्ता
विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनियां टीमों और लीग्स के साथ रिश्ते बनाए रखने के लिए अपने बिज़नेस मॉडल बदल सकती हैं। लेकिन, यूजर्स की एंट्री फीस से आने वाला बड़ा राजस्व बंद होने के बाद टिकाऊ आय का नया रास्ता ढूँढना आसान नहीं होगा।