भारी बारिश से तवी नदी उफान पर, 800 से ज्यादा लोगों की मौत; सरकार ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट, स्कूल बंद
मुख्य तथ्य
- जम्मू में लगातार भारी बारिश, तवी नदी खतरे के निशान के करीब
- भारत ने मानवीय आधार पर पाकिस्तान को संभावित बाढ़ की चेतावनी दी
- अब तक करीब 800 लोगों की जान गई, 65 लोग मचैल यात्रा में बादल फटने से मारे गए
- काठुआ जिले में सेहर खड्ड पुल क्षतिग्रस्त, राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर यातायात बाधित
- जम्मू संभाग के सभी सरकारी व निजी स्कूल दो दिनों के लिए बंद
जम्मू और आसपास के इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात गंभीर बना दिए हैं। सोमवार को मौसम विभाग ने “भारी से अति भारी वर्षा” की चेतावनी जारी की, जिसके बाद तवी नदी में बाढ़ आने का खतरा मंडराने लगा है। इस परिस्थिति को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान को मानवीय आधार पर अग्रिम चेतावनी दी है।
तवी नदी, जो कैलाश कुंड ग्लेशियर (भद्रवाह, डोडा जिला) से निकलकर उधमपुर और जम्मू होते हुए पाकिस्तान के सियालकोट जिले में प्रवेश करती है, इस समय खतरे के निशान से महज 5 फीट नीचे बह रही है। फिलहाल नदी का जलस्तर 12 फीट पर है, जबकि खतरे का निशान 17 फीट पर है।
गौरतलब है कि यह चेतावनी ऐसे समय में दी गई है जब सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) फिलहाल स्थगित है। अप्रैल 22 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जल से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान रुका हुआ है। इसके बावजूद भारत ने संभावित खतरे को देखते हुए पाकिस्तान को पहले से अलर्ट किया है।

इस साल जम्मू में बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। अब तक करीब 800 लोगों की मौत हो चुकी है। सिर्फ मचैल यात्रा के दौरान किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना में 65 लोगों की जान चली गई थी।
सोमवार को मौसम विभाग ने चेतावनी दी कि 27 अगस्त तक नदियों और नालों के जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है। साथ ही, बादल फटने की घटनाओं की संभावना भी बनी हुई है। प्रशासन ने जम्मू, रामबन और किश्तवाड़ जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को लोगों को सावधान रहने और पर्वतीय क्षेत्रों में ट्रैकिंग या घूमने से सख्ती से रोकने के निर्देश दिए हैं।
बारिश और बाढ़ की स्थिति ने आम जनजीवन को भी प्रभावित किया है। काठुआ जिले में सेहर खड्ड पर बना एक अहम पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे काठुआ और सांबा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर यातायात बाधित हो गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को सोमवार और मंगलवार के लिए बंद कर दिया गया है।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने लोगों को अपील की है कि वे नदी किनारे और निचले इलाकों में सतर्क रहें, क्योंकि जलस्तर में अचानक वृद्धि जानलेवा साबित हो सकती है।