मुख्य तथ्य
- टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया ने $130 मिलियन का नया अभियान लॉन्च किया।
- सारा तेंदुलकर, सचिन तेंदुलकर की बेटी, बनीं ब्रांड एंबेसडर।
- भारतीय पर्यटकों की संख्या में 8% और खर्च में 14% की बढ़ोतरी।
- ऑस्ट्रेलिया ने अगले साल तक 5 लाख भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा।
भारतीय दर्शकों के लिए एक खास तोहफा लेकर आया है टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया। क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर अब ऑस्ट्रेलिया की नई ब्रांड एंबेसडर बन गई हैं। हाल ही में लॉन्च किए गए “Come and Say G’day” अभियान का नया संस्करण पूरी तरह भारतीय पर्यटकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
इस $130 मिलियन के मेगा कैंपेन में सारा के साथ एक एनिमेटेड कैरेक्टर ‘रूबी द सॉवेनियर कंगारू’ भी नज़र आ रहा है। इसका उद्देश्य भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या को बढ़ाना है। आंकड़े बताते हैं कि भारत से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले यात्रियों की संख्या 4.5 लाख से अधिक पहुंच चुकी है और वे लगभग 2.7 बिलियन डॉलर का खर्च कर चुके हैं।
टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया के कंट्री मैनेजर निशांत काशिकर ने बताया कि पिछले साल की तुलना में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 8% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। वहीं, ओवरनाइट स्टे (रातभर ठहरने) में 21% की वृद्धि हुई है, जो अब 2.9 करोड़ रातों तक पहुंच गई है। इसके अलावा, भारतीय पर्यटकों का खर्च भी 14% बढ़ा है।
क्यों चुनी गईं सारा तेंदुलकर?
सारा का चयन केवल उनकी लोकप्रियता के कारण नहीं हुआ। दरअसल, सारा बचपन से ही कई बार ऑस्ट्रेलिया जा चुकी हैं और वहां के साथ उनका एक गहरा इमोशनल कनेक्शन है। यही वजह है कि उन्हें इस अभियान के लिए एकदम उपयुक्त माना गया।
सारा खुद इस भूमिका को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा –
“मेरे लिए ‘Come and Say G’day’ कैंपेन सिर्फ पर्यटन तक सीमित नहीं है। यह उन जगहों की कहानियां साझा करने का मौका है जो आपकी पहचान बनाती हैं।”
उन्होंने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड की अपनी यात्रा को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए यह भी बताया कि ऑस्ट्रेलिया उनके दिल के बेहद करीब है।
भारतीय बाजार पर नज़र
टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यहां से आने वाले पर्यटकों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। संस्था का लक्ष्य है कि अगले साल तक 5 लाख भारतीय पर्यटक ऑस्ट्रेलिया पहुंचे। एविएशन सेक्टर में बढ़ती फ्लाइट कनेक्टिविटी के चलते यह लक्ष्य काफी हद तक संभव माना जा रहा है।
सारा के मुताबिक, यात्रा का असली मतलब है – नई जगहों की खोज, संस्कृति का अनुभव, स्वादिष्ट खानपान और लोगों से जुड़ाव। उन्होंने कहा कि यह वही काम है जिसे वह आगे भी जारी रखना चाहेंगी – ऐसा काम जो लोगों को जोड़ता है और यादगार पल बनाता है।