भारत-जापान शिखर सम्मेलन: निवेश, तकनीक और रक्षा साझेदारी पर जोर

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भारत-जापान शिखर सम्मेलन में निवेश और रक्षा पर सहमति

मोदी-इशिबा की मुलाकात में 6.8 अरब डॉलर निवेश लक्ष्य और 11 समझौते

मुख्य तथ्य

  • भारत-जापान शिखर सम्मेलन में आर्थिक, रक्षा और तकनीकी सहयोग को नई गति।
  • जापान से भारत में निजी निवेश बढ़ाकर 8 अरब डॉलर सालाना करने का लक्ष्य।
  • अगले पांच वर्षों में 5 लाख छात्रों और कर्मियों के आदान-प्रदान पर सहमति।
  • स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर उत्पादन पर साझा रोडमैप।
  • पीएम मोदी बोले: “जापानी तकनीक और भारतीय टैलेंट है विनिंग कॉम्बिनेशन।”

टोक्यो में शुक्रवार को हुए भारत-जापान शिखर सम्मेलन ने दोनों देशों के संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के साथ ही स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और व्यापक बनाने का संकल्प लिया।

निवेश और रोजगार के नए अवसर

बैठक में दोनों देशों ने एक दशक में जापानी निजी निवेश को बढ़ाकर करीब 6.8 अरब डॉलर सालाना तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा। यह निवेश 2010 के दशक के औसतन 2.7 अरब डॉलर की तुलना में ढाई गुना से अधिक होगा।
साथ ही, आने वाले पांच वर्षों में 5 लाख छात्रों और कर्मियों के आदान-प्रदान पर सहमति बनी। यह कदम जापान की वृद्ध होती जनसंख्या से पैदा हो रही श्रमशक्ति की कमी को पूरा करने में सहायक होगा।

मोदी ने कहा, जापानी तकनीक और भारतीय प्रतिभा का मेल दुनिया के लिए एक विनिंग कॉम्बिनेशन है।”

सुरक्षा और तकनीक पर संयुक्त दृष्टि

भारत और जापान ने अगले दस वर्षों के लिए सहयोग की एक संयुक्त दृष्टि (Joint Vision) जारी की। इसमें सुरक्षा, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष और तकनीकी सहयोग शामिल है। दोनों नेताओं ने कुल 11 दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए।

मोदी-इशिबा शिखर वार्ता में 6.8 अरब डॉलर निवेश
मोदी-इशिबा शिखर वार्ता में 6.8 अरब डॉलर निवेश

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और जापान जैसी जीवंत लोकतंत्रों की साझेदारी न सिर्फ हमारे देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।”
इशिबा ने भी इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों की ताकतें एक-दूसरे को पूरा करती हैं और इससे आर्थिक रिश्ते और मजबूत होंगे।

भविष्य की राह और एशिया टूर

रविवार को इशिबा पीएम मोदी को बुलेट ट्रेन से उत्तरी जापान के सेंदाई ले जाएंगे, जहां वे सेमीकंडक्टर मशीनरी फैक्ट्री का दौरा करेंगे। इसके बाद मोदी चीन के लिए रवाना होंगे।
इससे पहले मोदी ने जापान की प्रमुख उद्योग संस्था केदानरेन द्वारा आयोजित बिजनेस फोरम में जापानी कंपनियों से भारत में निवेश का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत में चल रहे सुधारों ने निवेश माहौल को और अधिक पारदर्शी और स्थिर बनाया है।

मोदी ने मारुति-सुज़ुकी की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि बैटरी, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर, शिपबिल्डिंग और न्यूक्लियर एनर्जी में भी दोनों देश वही “जादू” दोहरा सकते हैं। उन्होंने कहा, जापान टेक्नोलॉजी पॉवरहाउस है और भारत टैलेंट पॉवरहाउस। मिलकर हम 21वीं सदी की टेक रिवॉल्यूशन को आगे बढ़ा सकते हैं।”

SOURCES:Fourtune
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