लल्लनटॉप इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने खोला राज़, कैसे गट हेल्थ और स्किन हेल्थ आपस में गहराई से जुड़ी हैं।
बॉलीवुड एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अपने ग्लोइंग स्किन और गट हेल्थ के बीच के गहरे कनेक्शन पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक उन्हें पता ही नहीं था कि वह ग्लूटेन और डेयरी इंटॉलरेंस से जूझ रही हैं। तमन्ना का कहना है कि हमारी स्किन दरअसल शरीर के अंदर हो रही गतिविधियों का आईना होती है।
मुख्य तथ्य
- तमन्ना भाटिया ने इंटरव्यू में अपने ग्लोइंग स्किन का राज़ साझा किया।
- एक्ट्रेस को बाद में पता चला कि वह ग्लूटेन और डेयरी इंटॉलरेंस से पीड़ित हैं।
- उन्होंने अलग-अलग डाइट्स अपनाकर ट्रायल-एंड-एरर से खुद के लिए सही रास्ता खोजा।
- तमन्ना के मुताबिक, अगर वह ग्लूटेन फूड्स छोड़ देती हैं तो उनकी स्किन बेहतर हो जाती है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्लूटेन इंटॉलरेंस आंत की विली (villi) को प्रभावित करती है, जिससे पोषण अवशोषण रुक जाता है।
बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया ने हाल ही में लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में अपनी सेहत और स्किन के राज़ से पर्दा उठाया। एक्ट्रेस ने साफ कहा कि उनकी ग्लोइंग स्किन का सबसे बड़ा कारण केवल स्किनकेयर नहीं बल्कि गट हेल्थ है।
तमन्ना ने बताया, “बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें चीज़ों से एलर्जी होती है लेकिन उन्हें इसका पता ही नहीं चलता। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। लंबे समय तक मुझे समझ ही नहीं आया कि मुझे ग्लूटेन और डेयरी इंटॉलरेंस है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह समझ उन्हें अचानक नहीं बल्कि लगातार प्रयोग और अनुभव से मिली। “मैंने कई तरह के डाइट्स ट्राई किए और धीरे-धीरे समझ आया कि जब मैं ग्लूटेन फूड्स (जैसे रोटी, ब्रेड आदि) से दूरी बनाती हूं तो मेरी स्किन अपने आप बेहतर हो जाती है।”
ग्लूटेन क्या है?
ग्लूटेन दरअसल एक तरह का प्रोटीन है जो गेहूं, जौ और राई जैसे अनाजों में पाया जाता है। गेहूं सबसे ज्यादा खाया जाने वाला अनाज है और इसलिए जब लोग ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाते हैं, तो रोटी या ब्रेड जैसी चीजें छोड़नी पड़ती हैं।
जब आटे में पानी मिलाया जाता है तो ग्लूटेन उसे इलास्टिक बनाता है और यही गुण ब्रेड को फूलने और सॉफ्ट बनने में मदद करता है। इसी वजह से इसे ग्लू (चिपचिपेपन) जैसा नाम दिया गया है।
क्यों होती है ग्लूटेन इंटॉलरेंस?
वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी छोटी आंत (Small Intestine) की दीवार पर छोटी-छोटी संरचनाएं होती हैं जिन्हें विली (villi) कहते हैं। यही विली भोजन से पोषक तत्व सोखने का काम करती हैं। लेकिन जब शरीर ग्लूटेन प्रोटीन को सही तरीके से पचा नहीं पाता, तो यह विली को नुकसान पहुंचाता है।
इस स्थिति में शरीर पोषण को अवशोषित नहीं कर पाता और इसे ग्लूटेन इंटॉलरेंस या ग्लूटेन सेंसिटिविटी कहा जाता है। इसके लक्षण स्किन, पाचन तंत्र और ऊर्जा स्तर में गड़बड़ी के रूप में सामने आते हैं।
तमन्ना के अनुसार, स्किन दरअसल शरीर के अंदर की सेहत को दर्शाती है। “अगर आप अपने शरीर को समझें और जानें कि कौन सा खाना आपको सूट करता है और कौन सा नुकसान, तो आपकी स्किन खुद-ब-खुद हेल्दी दिखेगी।”