भारत ने सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए आज (2 सितंबर) स्वदेशी 32-बिट माइक्रोचिप ‘विक्रम’ का अनावरण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन के दौरान इस प्रोसेसर को राष्ट्र को समर्पित किया।
मुख्य तथ्य
- पीएम मोदी ने सेमीकॉन इंडिया 2025 में ‘विक्रम प्रोसेसर’ लॉन्च किया।
- ISRO की सेमीकंडक्टर लैब द्वारा विकसित, पूरी तरह स्वदेशी 32-बिट माइक्रोचिप।
- अंतरिक्ष लॉन्च व्हीकल जैसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में होगा उपयोग।
- चिप्स टू स्टार्टअप पहल के तहत छात्रों ने 28 चिप्स बनाए और मोहाली फैक्ट्री में तैयार किए।
- सम्मेलन में 48 देशों से 20,000 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी।
भारत ने आज तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। नई दिल्ली में आयोजित सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले स्वदेशी 32-बिट माइक्रोचिप ‘विक्रम प्रोसेसर’ का अनावरण किया। यह उपलब्धि न केवल भारत की सेमीकंडक्टर क्षमता का प्रमाण है बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान और रक्षा क्षेत्र में देश की ताकत को भी मजबूत करेगी।
विक्रम प्रोसेसर की खासियत
यह प्रोसेसर पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला ने विकसित किया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह अंतरिक्ष लॉन्च व्हीकल के कठिन माहौल में भी बिना किसी रुकावट के काम करेगा। परीक्षण और मंजूरी मिलने के बाद यह चिप अब उपयोग के लिए तैयार है।
इस अवसर पर केंद्रीय IT एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री मोदी को विक्रम प्रोसेसर और परीक्षण चिप्स भेंट किए। मंत्री ने कहा कि यह कदम भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
छात्रों की भागीदारी
इस परियोजना से जुड़ी एक और बड़ी उपलब्धि चिप्स टू स्टार्टअप पहल है। इसके तहत देशभर के छात्रों द्वारा बनाए गए 28 चिप्स को मोहाली की सेमीकंडक्टर फैक्ट्री में तैयार और पैक किया गया। यह पहल युवाओं की प्रतिभा और तकनीकी क्षमता को सामने लाने का बड़ा मंच है, जिससे भारत भविष्य की टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
वैश्विक विश्वास और निवेश की संभावना
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने सिर्फ 4 साल में ही वैश्विक विश्वास हासिल किया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश में 5 नई सेमीकंडक्टर फैक्ट्रियां तेजी से स्थापित की जा रही हैं।

वैष्णव ने अंतरराष्ट्रीय उद्योग जगत से अपील की कि भारत स्थिरता और विकास का प्रतीक बन चुका है, इसलिए निवेश और भरोसे के लिए यह सबसे उपयुक्त स्थान है।
सम्मेलन का कार्यक्रम
तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में सेमीकंडक्टर निर्माण, AI अनुसंधान, पैकेजिंग, फंडिंग और स्किल डेवलपमेंट जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है। इस बार सम्मेलन में 48 देशों से आए 2,500 प्रतिनिधि, 150 वक्ता और 350 प्रदर्शक शामिल हुए। कुल मिलाकर 20,750 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
इससे पहले यह सम्मेलन बेंगलुरु, गांधीनगर और ग्रेटर नोएडा में आयोजित हो चुका है, लेकिन इस बार स्वदेशी माइक्रोचिप लॉन्च ने इसे ऐतिहासिक बना दिया।