पंजाब सरकार ने मंगलवार को राज्य के सभी 23 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित कर दिया। अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 3.5 लाख से अधिक लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के पास है, वहीं बांधों में पानी लबालब भरा हुआ है।
मुख्य तथ्य
- पंजाब सरकार ने सभी 23 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया।
- अब तक 30 लोगों की मौत, 3.54 लाख से अधिक लोग प्रभावित।
- 1,48,590 हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद।
- CM भगवंत मान और गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया।
- राहत और बचाव कार्यों में NDRF, सेना, वायुसेना, नौसेना और BSF की टीमें तैनात।
पंजाब में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। राज्य सरकार ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए सभी 23 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित कर दिया। कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने जानकारी दी कि अब तक 1,400 गांव प्रभावित हुए हैं, जिससे 3,54,626 लोग प्रभावित हो चुके हैं। करीब 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बाढ़ की वजह से किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। लगभग 1,48,590 हेक्टेयर में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले गुरदासपुर, मंसा, अमृतसर, कपूरथला, फिरोजपुर, तरन तारन और होशियारपुर बताए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फिरोजपुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों का नाव से दौरा किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के दौरान केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली मुआवजा राशि बेहद कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। मान ने केंद्र से पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये के लंबित फंड जारी करने की भी मांग की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राज्य का अधिकार है, किसी तरह की भीख नहीं।

गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने तरन तारन और फिरोजपुर के हालात का जायजा लिया। उन्होंने किसानों की इस मांग का समर्थन किया कि उन्हें स्थायी जमीन का मालिकाना हक दिया जाए ताकि वे फसल नुकसान की भरपाई और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। 23 NDRF टीमें तैनात की गई हैं, वहीं सेना, वायुसेना और नौसेना ने 12 कॉलम, दो इंजीनियर कॉलम और 35 हेलीकॉप्टर राहत कार्यों के लिए उतारे हैं। BSF भी सीमा जिलों में मदद कर रही है। इसके अलावा 114 नाव और एक राज्य का हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्य में लगाए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 818 मेडिकल टीमें सक्रिय हैं। उनका लक्ष्य है कि कोई भी व्यक्ति चिकित्सा सहायता से वंचित न रह जाए।