त्योहारों से ठीक पहले आम जनता को बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में कई ज़रूरी वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरें घटा दी गई हैं। अब 60 से अधिक वस्तुएं और बीमा सेवाएं पूरी तरह जीएसटी मुक्त होंगी।
मुख्य तथ्य
- 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में 60 वस्तुओं पर जीएसटी समाप्त
- जीवनरक्षक दवाओं और 33 अन्य दवाओं पर अब नहीं देना होगा कर
- जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर भी जीएसटी शून्य
- रोज़मर्रा के सामान जैसे दूध, रोटी, कॉपी, पेंसिल, चॉक पर भी राहत
- नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी
देशभर के उपभोक्ताओं और आम आदमी को त्योहारों से पहले बड़ी राहत देते हुए सरकार ने जीएसटी दरों में अहम बदलाव किए हैं। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में कई वस्तुओं और सेवाओं पर कर घटाकर शून्य कर दिया गया है। इसका सीधा फायदा करोड़ों परिवारों को मिलेगा।
दवाओं और बीमा पर राहत
बैठक में लिए गए सबसे अहम फैसलों में से एक जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को जीएसटी से मुक्त करना है। अब चाहे टर्म प्लान हो, एंडॉवमेंट पॉलिसी हो या फिर यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP), सभी पर जीएसटी नहीं लगेगा। इसी तरह स्वास्थ्य बीमा, फैमिली फ्लोटर पॉलिसी और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा भी टैक्स-फ्री होंगे। यह कदम न केवल बीमा को सस्ता बनाएगा बल्कि देश में बीमा कवरेज बढ़ाने में भी मदद करेगा।
रोज़मर्रा की ज़रूरतें होंगी सस्ती
जीएसटी काउंसिल ने आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम करने के लिए रोज़मर्रा के कई सामानों को भी जीएसटी मुक्त कर दिया है। इसमें अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, पिज़्ज़ा ब्रेड, खाखरा, चपाती, पराठा, परोट्टा और अन्य भारतीय ब्रेड शामिल हैं।
बच्चों की पढ़ाई में काम आने वाली वस्तुएं जैसे एक्सरसाइज़ बुक, ग्राफ बुक, लेबोरेटरी नोटबुक, नोटबुक्स, पेंसिल, पेंसिल शार्पनर, इरेज़र, क्रेयॉन्स, चॉक और ड्रॉइंग चारकोल भी अब शून्य जीएसटी श्रेणी में आ गई हैं।
दवाओं पर बड़ा फैसला
काउंसिल ने तीन जीवनरक्षक दवाओं और 33 अन्य दवाओं पर भी जीएसटी हटा दिया है। कैंसर, रेयर डिज़ीज़ और गंभीर क्रॉनिक बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली ये दवाएं अब और सस्ती होंगी।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
विशेषज्ञों का मानना है कि इन जीएसटी सुधारों से अर्थव्यवस्था को अगले दो वर्षों में 0.5 प्रतिशत तक की अतिरिक्त बढ़त मिल सकती है। इससे अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को भी संतुलित करने में मदद मिलेगी।
नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू होंगी, यानी नवरात्रि के पहले ही दिन आम जनता को यह बड़ा तोहफ़ा मिलेगा।