गाजा सिटी का 40% हिस्सा इसराइल के कब्ज़े में, हालात और बिगड़े

इसराइली सेना ने गाजा सिटी में तेजी से बढ़त बनाई, 53 फिलिस्तीनी मारे गए; विस्थापन को विशेषज्ञों ने बताया ‘सबसे खतरनाक चरण’।

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गाज़ा सिटी का 40% इज़राइल के कब्ज़े में, बमबारी जारी

गाज़ा सिटी में इज़राइल की सैन्य कार्रवाई और बमबारी ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। इज़राइली सेना ने दावा किया है कि उसने शहर का 40% हिस्सा अपने कब्ज़े में ले लिया है। वहीं, नागरिकों की बड़ी संख्या लगातार विस्थापन से इनकार कर रही है और खंडहरों में जिंदगी गुज़ारने को मजबूर है।

मुख्य तथ्य

यरुशलम/काहिरा, 4 सितंबर (रॉयटर्स) – गाज़ा सिटी में इज़राइली सेना का अभियान और तेज़ होता जा रहा है। इज़राइल के सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डिफ्रिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनकी सेना अब गाज़ा सिटी के 40% हिस्से पर नियंत्रण कर चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक हमास का शासन पूरी तरह ख़त्म नहीं हो जाता और शेष बंधक सुरक्षित लौट नहीं आते।

डिफ्रिन ने ज़ैतून और शेख़ रदवान जैसे अहम इलाकों का नाम लेते हुए कहा कि सेना वहां लगातार हमास के ठिकानों और सुरंगों को नष्ट कर रही है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि यदि भविष्य की कोई योजना न बनी, तो गाज़ा में सैन्य शासन लागू करना पड़ सकता है।

हालांकि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अभी तक सैन्य शासन और बस्तियों की स्थापना का समर्थन नहीं किया है। लेकिन उनकी सरकार के अतिदक्षिणपंथी सदस्य इस पर ज़ोर डाल रहे हैं।

गुरुवार को गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इज़राइली हमलों में कम से कम 53 फ़िलिस्तीनियों की मौत हुई, जिनमें ज़्यादातर गाज़ा सिटी में मारे गए। सबसे ज़्यादा बमबारी ज़ैतून, साबरा, तुफ्फाह और शेज़ाइया इलाकों में हुई। टैंकों ने शेख़ रदवान क्षेत्र में कई घरों को ध्वस्त कर दिया, जिससे तंबू शिविरों में आग लग गई।

तुफ्फाह मोहल्ले में भारी बमबारी के दौरान पांच घर तबाह हो गए। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, आठ लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए। वहीं, गाज़ा की आपदा सेवा के प्रवक्ता महमूद बास्सल ने कहा कि “इज़राइली सेना ने तुफ्फाह इलाके में नागरिकों के जमावड़े और घरों पर निशाना साधा, जिससे चार इमारतें पूरी तरह नष्ट हो गईं।”

गाज़ा सिटी का 40% इज़राइल के कब्ज़े में, बमबारी जारी
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा – 63,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों की अब तक मौत।

गाज़ा सिटी, जो युद्ध की शुरुआत (अक्टूबर-नवंबर 2023) में भारी तबाही का शिकार हुई थी, वहां एक समय लगभग 10 लाख लोग रहते थे। अब भी सैकड़ों हज़ार लोग खंडहरों में रह रहे हैं, क्योंकि उन्हें अन्य क्षेत्रों से निकालकर यहां भेजा गया था। इज़राइल का दावा है कि लगभग 70,000 लोग अब तक शहर छोड़ चुके हैं, लेकिन फ़िलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक वास्तविक संख्या आधी से भी कम है।

मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। गाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि हाल के हफ्तों में भुखमरी और कुपोषण से 370 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 131 बच्चे शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र और स्थानीय एनजीओ भी चेतावनी दे रहे हैं कि यह अब तक का सबसे ख़तरनाक विस्थापन साबित हो सकता है।

इस बीच, अमेरिका के दो डेमोक्रेटिक सीनेटरों – क्रिस वैन होलन और जेफ़ मर्कले – ने हालिया दौरे के बाद कहा कि नेतन्याहू सरकार गाज़ा में “जातीय सफ़ाए” (ethnic cleansing) जैसी नीति पर काम कर रही है।

युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई थी, जब हमास ने दक्षिणी इज़राइल पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या कर दी और 251 बंधक बना लिए। तब से अब तक गाज़ा में 63,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

SOURCES:Routers
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