BCCI ने बढ़ाई स्पॉन्सरशिप फीस, ड्रीम11 के बाहर होने के बाद बड़ा बदलाव

Rahul Balodi
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BCCI ने बढ़ाई टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप फीस

मुख्य तथ्य

  • नई स्पॉन्सरशिप कीमत: ₹3.5 करोड़ प्रति मैच (बाइलेट्रल सीरीज़) और ₹1.5 करोड़ (ICC/ACC टूर्नामेंट)।
  • पहले कीमतें क्रमशः ₹3.17 करोड़ और ₹1.12 करोड़ थीं।
  • भारत अगले तीन सालों में 130 मैच खेलेगा, जिनमें T20 वर्ल्ड कप 2026 और ODI वर्ल्ड कप 2027 शामिल।
  • नए रेट्स से BCCI की कमाई ₹400 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान।
  • ऑनलाइन मनी गेमिंग, क्रिप्टो, तंबाकू, बीमा और खेल वस्त्र कंपनियां बोली प्रक्रिया से बाहर।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने ड्रीम11 के बाहर होने के बाद भारतीय टीम की स्पॉन्सरशिप दरों में बदलाव किया है। बोर्ड ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब अगले तीन सालों में टीम इंडिया कुल 130 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली है। इसमें 2026 का टी20 वर्ल्ड कप और 2027 का वनडे वर्ल्ड कप भी शामिल है।

नई स्पॉन्सरशिप दरें क्या हैं?

क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, नई स्पॉन्सरशिप फीस ₹3.5 करोड़ प्रति मैच (बाइलेट्रल सीरीज़) और करीब ₹1.5 करोड़ (ICC और ACC टूर्नामेंट) तय की गई है। यह पहले की तुलना में थोड़ी ज्यादा है। पहले स्पॉन्सरशिप फीस ₹3.17 करोड़ (बाइलेट्रल) और ₹1.12 करोड़ (ICC/ACC) थी। यानी BCCI ने बाइलेट्रल मैचों में करीब 10% और मल्टी-नेशन टूर्नामेंट्स में लगभग 3% की बढ़ोतरी की है।

फीस में अंतर क्यों?

बाइलेट्रल सीरीज़ के दौरान ब्रांड का लोगो जर्सी के फ्रंट पर दिखाई देता है, जिससे उसे ज्यादा दृश्यता मिलती है। वहीं ICC और ACC टूर्नामेंट्स में स्पॉन्सरशिप ब्रांड का लोगो केवल स्लीव्स पर छपता है, इसलिए वहां कीमत अपेक्षाकृत कम रखी जाती है।

3 साल में ₹400 करोड़ से ज्यादा कमाई

नई दरों के आधार पर BCCI को अगले तीन सालों में ₹400 करोड़ से अधिक की कमाई होने का अनुमान है। यह भारतीय क्रिकेट बोर्ड के लिए एक बड़ा आर्थिक बढ़ावा साबित हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब बड़े टूर्नामेंट्स सामने हैं।

स्पॉन्सरशिप के लिए कौन-कौन सी कंपनियां शामिल नहीं होंगी?

BCCI ने हाल ही में “Invitation for Expression of Interest for National Team Lead Sponsor Rights” जारी किया था। इसमें स्पष्ट किया गया है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग, बेटिंग, जुआ, क्रिप्टो और तंबाकू कंपनियां इसमें हिस्सा नहीं ले सकतीं। इसके अलावा एथलीजर और स्पोर्ट्सवियर निर्माता, बैंकिंग और वित्तीय संस्थान, नॉन-अल्कोहलिक कोल्ड ड्रिंक्स, पंखे, मिक्सर-ग्राइंडर, सेफ्टी लॉक और बीमा कंपनियां भी बोली प्रक्रिया से बाहर कर दी गई हैं।

कानूनी बदलाव का असर

यह फैसला केंद्र सरकार के नए Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025 के लागू होने के बाद आया है। इस कानून के तहत अब भारत में रियल-मनी गेमिंग कंपनियों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी वजह से ड्रीम11 जैसे ब्रांड को स्पॉन्सरशिप से हटना पड़ा और BCCI को नए पार्टनर्स की तलाश शुरू करनी पड़ी।

स्पष्ट है कि भारतीय क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता और टीवी-डिजिटल व्यूअरशिप को देखते हुए BCCI को अब भी मजबूत स्पॉन्सरशिप डील्स मिलने की पूरी उम्मीद है।

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