मुख्य तथ्य
- ट्रंप ने कहा: “मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वे एक महान प्रधानमंत्री हैं।”
- अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत पर 50% टैरिफ लागू किया।
- ट्रंप भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले से नाखुश।
- पहले सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा था कि “भारत और रूस चीन के पाले में चले गए हैं”।
- भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के विवादित बयानों को खारिज किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर अपने हालिया रुख में बड़ा बदलाव किया है। कुछ घंटे पहले ही उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को चीन और रूस के साथ साझा करते हुए लिखा था कि “लगता है हमने भारत और रूस को चीन को खो दिया है।” इस बयान ने भारत-अमेरिका रिश्तों पर सवाल खड़े कर दिए थे।
लेकिन इसके तुरंत बाद ट्रंप ने साफ किया कि भारत और अमेरिका के बीच कोई दरार नहीं है। उन्होंने कहा— “मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। वे एक महान प्रधानमंत्री हैं। भारत और अमेरिका का रिश्ता खास है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।”
भारत पर 50% टैरिफ
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत से आयातित कई उत्पादों पर 50% टैरिफ लगा दिया था, जो 27 अगस्त से प्रभावी हुआ। ट्रंप के अनुसार, इसका बड़ा कारण भारत द्वारा रूस से भारी मात्रा में तेल की खरीद है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में भारत को अपनी नाराज़गी से अवगत कराया है।
तेल व्यापार पर अमेरिकी चिंता
ट्रंप ने स्वीकार किया कि उन्हें भारत का रूस से तेल आयात करना पसंद नहीं है। हालांकि, उन्होंने दोहराया कि इससे दोनों देशों की दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनके शब्दों में— “मुझे बस यह पसंद नहीं है कि भारत अभी क्या कर रहा है। लेकिन भारत-अमेरिका का रिश्ता बहुत मजबूत है।”
रिश्तों में तनाव के संकेत
पिछले कुछ समय से ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारी भारत पर निशाना साधते रहे हैं। पीटर नवारो ने हाल ही में विवादित बयान दिया था कि “ब्राह्मण भारतीय जनता की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं।” भारत ने इस टिप्पणी को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत और अनुचित है।
भारत का जवाब और आगे की राह
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी भरोसा दिलाया है कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर चिंता की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे समझौतों को धैर्य से संभालना पड़ता है और इनके लिए कभी तय समयसीमा नहीं होती।
स्पष्ट है कि भले ही ट्रंप प्रशासन ने भारत पर टैरिफ का दबाव बढ़ाया हो और तेल व्यापार को लेकर नाराज़गी जताई हो, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर ट्रंप का पीएम मोदी के साथ रिश्ता अब भी मजबूत बना हुआ है। यही वजह है कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि भारत और अमेरिका का संबंध “खास” है और वह कभी मोदी से दूरी नहीं बनाएंगे।