AI से बढ़ेगी बेरोजगारी और मुनाफा: जिओफ्री हिंटन का बड़ा बयान

नोबेल पुरस्कार विजेता और “गॉडफादर ऑफ AI” ने कहा– दोष तकनीक का नहीं, पूंजीवाद का है

newsdaynight
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नोबेल विजेता जिओफ्री हिंटन ने कहा कि AI बेरोजगारी और कॉरपोरेट मुनाफे में इज़ाफा करेगा। दोष तकनीक का नहीं, पूंजीवाद का है।

AI पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं, लेकिन इसके प्रभावों को लेकर चर्चाएं तेज हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता और मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक जिओफ्री हिंटन ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में AI बड़े पैमाने पर बेरोजगारी और कॉरपोरेट मुनाफे में उछाल लाएगा। उनका मानना है कि समस्या AI की नहीं बल्कि पूंजीवाद की है।

मुख्य तथ्य

  • AI से कंपनियां मजदूरों की जगह मशीनों का इस्तेमाल करेंगी, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी।
  • मुनाफा कुछ अमीर लोगों तक सिमट जाएगा और गरीबों की स्थिति बदतर होगी।
  • अभी छंटनी तेज़ नहीं हुई है, लेकिन एंट्री लेवल नौकरियों पर असर साफ दिख रहा है।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र को AI से सबसे बड़ा फायदा होगा, हिंटन के मुताबिक डॉक्टरों की क्षमता कई गुना बढ़ सकती है।
  • हिंटन ने यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) के विचार को खारिज किया और कहा कि यह इंसानी गरिमा का समाधान नहीं है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के भविष्य को लेकर दुनियाभर में बहस जारी है। इसी बीच, “गॉडफादर ऑफ AI” कहे जाने वाले और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कंप्यूटर वैज्ञानिक जिओफ्री हिंटन ने बड़ा बयान दिया है। Financial Times को दिए एक इंटरव्यू में हिंटन ने कहा कि AI अमीर लोगों के लिए मुनाफा और गरीबों के लिए बेरोजगारी लेकर आएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका दोष तकनीक पर नहीं, बल्कि मौजूदा पूंजीवादी व्यवस्था पर है।

हिंटन का मानना है कि कंपनियां आने वाले वर्षों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की जगह AI का उपयोग करेंगी। उन्होंने कहा, यह कुछ लोगों को बेहद अमीर बना देगा और अधिकांश लोगों को गरीब। यह AI की गलती नहीं, बल्कि पूंजीवाद की वजह से है।”

फिलहाल, बड़े पैमाने पर छंटनी देखने को नहीं मिली है। हालांकि, शुरुआती संकेत यह बताते हैं कि खासकर एंट्री लेवल नौकरियों के अवसर कम होते जा रहे हैं। हाल ही में New York Fed की एक रिपोर्ट में सामने आया कि AI अपनाने वाली कंपनियां कर्मचारियों को निकालने की बजाय उन्हें फिर से प्रशिक्षित करने पर ज्यादा जोर देती हैं, लेकिन भविष्य में छंटनी बढ़ सकती है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति की संभावना

हिंटन ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र AI से सबसे सुरक्षित रहेगा। उनका कहना है कि यदि डॉक्टरों की दक्षता पांच गुना बढ़ जाए, तो लोगों को बिना ज्यादा खर्च किए कई गुना अधिक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकती हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की कोई सीमा नहीं है। यदि मुफ्त में स्वास्थ्य मिले, तो हर कोई और चाहता है,” उन्होंने समझाया।

साधारण नौकरियों पर संकट

हिंटन ने कहा कि रोज़मर्रा के साधारण काम करने वाली नौकरियों पर AI का कब्ज़ा होगा, जबकि उच्च कौशल वाली नौकरियां अपेक्षाकृत सुरक्षित रहेंगी। हालांकि, उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि AI का भविष्य अनिश्चित है और किसी के पास ठोस जवाब नहीं है।

UBI और इंसानी गरिमा पर सवाल

OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन द्वारा प्रस्तावित यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) पर हिंटन ने असहमति जताई। उनके अनुसार, यह लोगों की गरिमा और काम करने से मिलने वाली संतुष्टि को खत्म कर देगा।

AI के खतरे और संभावनाएं

हिंटन ने एक बार फिर AI से जुड़े बड़े खतरे पर भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सुपरइंटेलिजेंस विकसित होने के बाद इंसानियत के समाप्त होने की 10 से 20% संभावना है। उन्होंने यह भी चेताया कि AI का इस्तेमाल जैविक हथियार जैसे खतरनाक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि AI के पास सकारात्मक संभावनाओं की भी कोई सीमा नहीं है। हम एक ऐतिहासिक मोड़ पर हैं। यह बहुत अच्छा भी हो सकता है और बहुत बुरा भी। कोई नहीं जानता आगे क्या होगा,” हिंटन ने कहा।

गौरतलब है कि हिंटन 2023 में Google से सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका छोड़ने का कारण AI की आलोचना नहीं बल्कि उम्र और निजी जीवन था। मज़ाक में उन्होंने कहा कि अब वे प्रोग्रामिंग से ज्यादा Netflix देखना चाहते हैं।

SOURCES:fortune
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