बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की ज़िंदगी उतार-चढ़ाव से भरी रही है, लेकिन उन्होंने खुद माना कि सबसे कठिन वक्त वह था जब उन्हें कैंसर का पता चला। एक पॉडकास्ट में संजय ने बताया कि कैसे उन्होंने बीमारी का सामना किया और जज़्बे के दम पर कैंसर को मात दी।
मुख्य तथ्य
- लॉकडाउन के दौरान सांस फूलने पर हुई जांच, निकला फेफड़ों में पानी।
- शुरुआती शक टीबी पर था, लेकिन बाद में निकला फेफड़ों का कैंसर।
- वीज़ा रिजेक्ट होने पर भारत में ही शुरू हुआ इलाज।
- कीमोथेरेपी के बाद भी फिटनेस और खेलों से बनाए रखा हौसला।
- अक्टूबर 2020 में हुए कैंसर-फ्री, अब फिल्मों में वापसी पर फोकस।
संजय दत्त की ज़िंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रही। नशे की लत से लेकर जेल तक और करियर के उतार-चढ़ाव तक, हर दौर उन्होंने देखा। लेकिन अभिनेता खुद कहते हैं कि उनके जीवन की सबसे बड़ी चुनौती वह वक्त था जब उन्हें कैंसर हुआ।
लॉकडाउन के दिनों की यादें साझा करते हुए संजय ने बताया कि एक दिन अचानक सीढ़ियां चढ़ते वक्त उनकी सांसें फूल गईं। नहाने के बाद भी उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया गया और जांच में सामने आया कि उनके फेफड़ों में पानी भर गया है। पहले लगा कि यह टीबी हो सकता है, लेकिन आगे की जांच में सच्चाई सामने आई—फेफड़ों का कैंसर।
इस खबर ने उन्हें भीतर तक हिला दिया। उन्होंने बताया कि उस वक्त सबसे कठिन सवाल था, परिवार को यह कैसे बताया जाए। “मैं गुस्से में किसी का चेहरा तोड़ सकता था,” उन्होंने कहा। जब उनकी बहन ने उन्हें बताया कि उन्हें कैंसर है, तो उनका पहला सवाल था—अब आगे क्या? संजय ने स्वीकार किया कि उन्होंने उस दिन दो-तीन घंटे तक खूब रोया, क्योंकि उनके दिमाग में सिर्फ पत्नी, बच्चे और ज़िंदगी के सारे पल घूम रहे थे।
इलाज के लिए अमेरिका जाने का प्लान भी बनाया गया, लेकिन वीज़ा रिजेक्ट हो गया। तब परिवार और दोस्तों ने मदद की। फिल्ममेकर राकेश रोशन ने उन्हें भारत के एक भरोसेमंद डॉक्टर से मिलवाया और यहीं से इलाज शुरू हुआ।
डॉक्टरों ने उन्हें समझाया कि कीमोथेरेपी के दौरान बाल झड़ेंगे, उल्टियां होंगी और शरीर कमजोर होगा। लेकिन संजय ने डॉक्टर से साफ कहा—“मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं होगा।” उन्होंने जज़्बे के साथ इलाज का सामना किया। कीमो के बाद भी वे रोज़ जिम जाते, साइक्लिंग करते और बैडमिंटन खेलते रहे।
संजय ने कहा—“हर कीमो के बाद मैं साइकल पर बैठता और रोज़ एक घंटा साइकलिंग करता था। उसके बाद बैडमिंटन कोर्ट में जाता और दो-तीन घंटे खेलता। मैं खुद को कभी कमज़ोर नहीं पड़ने देता।”
अक्टूबर 2020 में उन्होंने ऐलान किया कि वे कैंसर-फ्री हैं। इस जीत का श्रेय उन्होंने अपनी हिम्मत और परिवार के सहयोग को दिया। अब वे फिर से अपनी पुरानी फिटनेस हासिल कर चुके हैं और कहते हैं कि वह “वही संजय दत्त” लौटाना चाहते हैं जिसे लोग हमेशा से जानते हैं।
वर्कफ्रंट की बात करें तो उनकी फिल्म बाग़ी 4 हाल ही में 5 सितंबर 2025 को रिलीज़ हुई है। वहीं, उनका अगला बड़ा प्रोजेक्ट धुरंधर रणवीर सिंह के साथ इस साल दिसंबर में रिलीज़ होगा।