नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का बड़ा प्रदर्शन

सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के चलते सीमा पर SSB ने बढ़ाई निगरानी।

newsdaynight
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नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने युवाओं को सड़कों पर ला दिया है

नेपाल में चल रहे बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। सीमा सुरक्षा बल (SSB) ने एहतियाती कदम उठाते हुए कड़ी निगरानी शुरू कर दी है ताकि किसी भी प्रकार की अशांति भारतीय सीमा में न फैल सके।

मुख्य तथ्य

  • नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का बड़ा प्रदर्शन।
  • भारत-नेपाल सीमा पर SSB ने बढ़ाई चौकसी, कई चौकियों पर सख्त जांच।
  • अलर्ट “एहतियाती प्रकृति” का है, हालात नियंत्रण में हैं।
  • खुली सीमा (1,751 किमी) पर आवाजाही पर नज़र, स्थानीय प्रशासन से तालमेल।
  • नेपाल में पहले भी 2015 मधेसी आंदोलन के समय जारी हुआ था अलर्ट।

नेपाल में जारी व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। शीर्ष सूत्रों ने जानकारी दी कि भारत का सीमा सुरक्षा बल (SSB) हालात पर करीबी नज़र रखे हुए है और सीमा चौकियों पर सुरक्षा को मजबूत किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि यह अलर्ट पूरी तरह “एहतियाती प्रकृति” का है और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। SSB ने सीमा के विभिन्न आउटपोस्ट्स पर अतिरिक्त बल तैनात किया है और कड़ी जांच की जा रही है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय भी बढ़ा दिया गया है ताकि लोगों की आवाजाही प्रभावित न हो और सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।

नेपाल में संसद पर युवाओं के धावा बोलने के बाद हालात गंभीर हो गए हैं।
नेपाल में संसद पर युवाओं के धावा बोलने के बाद हालात गंभीर हो गए हैं।

भारत-नेपाल सीमा लगभग 1,751 किलोमीटर लंबी है और उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम जैसे राज्यों से होकर गुजरती है। इस खुले बॉर्डर से दोनों देशों के नागरिक बिना वीज़ा या पासपोर्ट के आ-जा सकते हैं। यही कारण है कि नेपाल में होने वाले राजनीतिक या सामाजिक आंदोलनों के दौरान भारत को सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता है।

नेपाल सरकार द्वारा हाल ही में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स—जिनमें फेसबुक भी शामिल है—पर बैन लगाया गया। सरकार का कहना है कि नकली आईडी से नफरत फैलाने वाले संदेश, फेक न्यूज, धोखाधड़ी और अपराध तेजी से फैल रहे थे। इस निर्णय ने युवाओं में नाराजगी और गुस्सा भड़का दिया। हालात तब और बिगड़े जब हजारों युवाओं ने संसद भवन में घुसकर प्रदर्शन किया।

अधिकारियों ने बताया कि इस बार अलर्ट इसलिए ज़रूरी है ताकि नेपाल में उत्पन्न स्थिति भारत की सीमा तक न पहुंचे। इससे पहले भी नेपाल में 2015 के मधेसी आंदोलन के दौरान सीमा पर अलर्ट जारी किया गया था, जिसने व्यापार और आवागमन को प्रभावित किया था।

SSB, जो कि भारत की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में से एक है, के पास 90,000 से अधिक जवानों की ताकत है। यह न केवल सीमा की निगरानी करता है बल्कि ज़रूरत पड़ने पर देश के अलग-अलग हिस्सों में आंतरिक सुरक्षा और काउंटर-इंसर्जेंसी ड्यूटी में भी तैनात किया जाता है।

नेपाल में मौजूदा आंदोलन को देखते हुए भारत सतर्क है, लेकिन फिलहाल हालात शांतिपूर्ण हैं। सुरक्षा एजेंसियां लगातार रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज रही हैं और स्थिति पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं।

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