तुम और चाँद

newsdaynight
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तुम और चाँद

चाँद मुझे तुम्हारी याद दिलाता है,
जिस तरह तुम दोनों
अँधेरों से खूबसूरती से लड़ने की कोशिश करते हो।

रात की ख़ामोशी में
तुम्हारी मुस्कान भी
वैसी ही चमक देती है,
जैसे बादलों के बीच से झाँकता हुआ चाँद।

तुम और चाँद
दोनों अधूरे होकर भी
कितने पूरे लगते हो,
मानो अपूर्णता ही
सबसे गहरी सुंदरता हो।

–  Vivek Balodi

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