पाकिस्तान को अमेरिकी कंपनी से 500 मिलियन डॉलर का खनिज सौदा

Rahul Balodi
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पाकिस्तान को अमेरिकी कंपनी से 500M डॉलर डील

मुख्य तथ्य

  • अमेरिकी कंपनी USSM और पाकिस्तान की FWO ने 500 मिलियन डॉलर का समझौता किया।
  • पाकिस्तान में बहु-धातु रिफाइनरी और संयुक्त खनन परियोजनाएं शुरू होंगी।
  • पाकिस्तान का दावा—देश में मौजूद खनिज भंडार मूल्य में खरबों डॉलर के।
  • प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ ने अमेरिकी और पुर्तगाली कंपनियों से भी मुलाकात की।
  • अमेरिकी दूतावास ने इस साझेदारी को “दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती” बताया।

पाकिस्तान ने अपनी आर्थिक मुश्किलों से उबरने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अमेरिका स्थित US Strategic Metals (USSM) ने पाकिस्तान की सबसे बड़ी खनन कंपनी Frontier Works Organization (FWO) के साथ 500 मिलियन डॉलर का निवेश समझौता किया है। इस साझेदारी के तहत एक पॉली-मेटालिक रिफाइनरी स्थापित की जाएगी और संयुक्त खनन परियोजनाओं पर काम शुरू होगा।

खनिज क्षेत्र में नया अध्याय

यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच एक व्यापार समझौता हुआ था। पाकिस्तान सरकार का मानना है कि इस डील से खनिज और ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिकी निवेश का रास्ता खुलेगा।

USSM, जो अमेरिका के मिसौरी में स्थित है, उन खनिजों के उत्पादन और पुनर्चक्रण में विशेषज्ञ है जिन्हें आधुनिक मैन्युफैक्चरिंग और क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी के लिए “महत्वपूर्ण” माना जाता है।

पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके पास खरबों डॉलर मूल्य के खनिज भंडार हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ ने कहा कि यह निवेश तुरंत शुरू होगा और इसमें एंटीमनी, कॉपर, गोल्ड, टंगस्टन और रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे खनिज शामिल होंगे।

पाकिस्तान की उम्मीदें

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पहले ही इन खनिज भंडारों को “रेयर अर्थ ट्रेज़र” कह चुके हैं। उनका मानना है कि इन संसाधनों के सही इस्तेमाल से पाकिस्तान अपने कर्ज़ से मुक्त होकर एक समृद्ध समाज बन सकता है।

प्रधानमंत्री शरीफ़ ने USSM और पुर्तगाली Mota-Engil Group के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। बातचीत में खनिज प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने, वैल्यू-एडेड सुविधाएं विकसित करने और बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करने पर जोर दिया गया।

अमेरिका की प्रतिक्रिया

इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने इस डील का स्वागत किया। दूतावास ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“हमें खुशी है कि अमेरिकी कंपनियां पाकिस्तान में निवेश कर रही हैं। यह साझेदारी दोनों देशों के लिए बड़ी संभावनाएं रखती है।”

अमेरिकी चार्ज डी’अफेयर्स नैटली बेकर ने इसे अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण करार दिया।

चुनौतियां भी कम नहीं

हालांकि, पाकिस्तान का अधिकांश खनिज भंडार बलूचिस्तान में है, जो लंबे समय से विद्रोह और हिंसा से प्रभावित है। अमेरिका ने हाल ही में बलूचिस्तान नेशनल आर्मी और उसके उग्रवादी गुट मज़ीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है।

इसके बावजूद, अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यह समझौता अन्य अमेरिकी कंपनियों को भी पाकिस्तान के खनिज क्षेत्र में निवेश के लिए प्रेरित करेगा।

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