12 सितंबर 2025 को रिलीज हो रही ‘मिराई’ दर्शकों को पौराणिक कथाओं और आधुनिक समय की रोमांचक यात्रा पर ले जाएगी। कार्तिक गट्टमनेनी के निर्देशन में बनी यह फिल्म केवल एक ऐक्शन-फैंटेसी नहीं, बल्कि भावनात्मक और दार्शनिक स्तर पर भी असर छोड़ती है।
मुख्य तथ्य
- ⭐ मूवी को 4 स्टार रेटिंग मिली।
- 🎬 निर्देशक: कार्तिक गट्टमनेनी
- 👥 प्रमुख कलाकार: तेजा सज्जा, मनोज मांचू, ऋतिका नायक, श्रिया सरन, जयाराम और जगपति बाबू
- ⏱ रनटाइम: 169 मिनट
- 📍 रिलीज़ डेट: 12 सितंबर 2025 (सिनेमाघरों में)
फिल्म ‘मिराई’ की कहानी दो अलग-अलग समयरेखाओं में आगे बढ़ती है। शुरुआत होती है सम्राट अशोक से, जो युद्ध जीतने के बावजूद अपराधबोध और ग्लानि से जूझते हैं। मुक्ति की तलाश में वह नौ पवित्र ग्रंथ रचते हैं, जिनमें अपार शक्ति और ज्ञान समाहित होता है। सदियों तक ये ग्रंथ सुरक्षित रहते हैं, लेकिन संकट तब गहराता है जब महाबीर लामा (मनोज मांचू) इन्हें अपने अधीन कर देवतुल्य शक्ति हासिल करना चाहता है।
हर खलनायक को एक सशक्त नायक की आवश्यकता होती है और यही जगह भरते हैं वेधा (तेजा सज्जा)। जहां लामा की पृष्ठभूमि उसके प्रभुत्व की भूख को स्पष्ट करती है, वहीं वेधा संतुलन और मानवता के रक्षक के रूप में सामने आते हैं। कहानी केवल अच्छाई और बुराई की लड़ाई तक सीमित नहीं रहती, बल्कि वेधा की निजी यात्रा को भी छूती है—क्यों उसकी मां अंबिका (श्रिया सरन) ने उसे बचपन में छोड़ दिया? और कैसे विभा (ऋतिका नायक) उसे अपना कर्तव्य स्वीकारने के लिए प्रेरित करती है? ये भावनात्मक उपकथाएं फिल्म को और गहराई देती हैं।
तकनीकी स्तर पर ‘मिराई’ शानदार है। पटकथा तेज़-तर्रार है और दर्शकों को लगातार बांधे रखती है। बैकग्राउंड म्यूज़िक विशेष उल्लेखनीय है—यह दृश्यों की तीव्रता बढ़ाता है और फिल्म को अन्य ऐक्शन-फैंटेसी फिल्मों से अलग बनाता है। शुरुआती हिस्सों में अन्य फिल्मों के डायलॉग्स पर किए गए हल्के-फुल्के संदर्भ भी मज़ा बढ़ाते हैं। हालांकि VFX कुछ जगहों पर हल्के लगते हैं, लेकिन संपूर्ण अनुभव को प्रभावित नहीं करते।
अभिनय की बात करें तो तेजा सज्जा ने फिल्म का भार बखूबी संभाला और दर्शकों को उनके सफर से जोड़े रखा। मनोज मांचू महत्वाकांक्षी खलनायक के रूप में पूरी तरह असरदार नहीं लगते, जिससे खलनायक का प्रभाव थोड़ा कम हो जाता है। ऋतिका नायक अपनी सादगी और आकर्षण से प्रभावित करती हैं, वहीं श्रिया सरन ने भावनात्मक ईमानदारी से किरदार निभाया है। जयाराम और जगपति बाबू ने सहायक भूमिकाओं में गहराई जोड़ी।
अंत में, ‘मिराई’ दर्शकों को पौराणिक कथाओं और समकालीन कहानी का ऐसा संगम देती है जो मनोरंजन के साथ सोचने पर भी मजबूर करता है। मजबूत तकनीकी निष्पादन, दमदार पटकथा और संतुलित अभिनय के चलते यह फिल्म चार स्टार की हकदार बनती है। और हां, क्रेडिट्स खत्म होने से पहले सीट न छोड़ें—पोस्ट-क्रेडिट सीन बड़ा सरप्राइज लिए है, जो अगली कहानी की झलक दिखाता है।