राजेश कुमार का खुलासा: ‘साराभाई वर्सेज साराभाई’ के सेट पर सतीश शाह ने रुलाया

अभिनेता राजेश कुमार ने बताया कि शो की शूटिंग के दौरान सीनियर एक्टर्स ने उन्हें खूब रैग किया, यहां तक कि एक सीन पर सतीश शाह की डांट से उनकी आंखों में आंसू आ गए।

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साराभाई वर्सेज साराभाई: राजेश कुमार का बड़ा खुलासा

पॉपुलर सिटकॉम साराभाई वर्सेज साराभाई आज भी फैंस का दिल जीतता है। लेकिन इसके आइकॉनिक किरदार ‘रोशेष साराभाई’ को पर्दे पर उतारने वाले अभिनेता राजेश कुमार ने हाल ही में खुलासा किया कि शो की शूटिंग उनके लिए हमेशा आसान नहीं रही। उन्होंने बताया कि किस तरह सीनियर कलाकारों ने उन्हें रैग किया और क्यों उन्होंने कभी अपनी पत्नी को सेट पर नहीं बुलाया।

मुख्य तथ्य

  • राजेश कुमार ने बताया कि सेट पर उन्हें अक्सर रैग किया जाता था।
  • सतीश शाह की डांट से एक बार उनकी आंखों में आंसू आ गए।
  • उन्होंने कभी अपनी पत्नी को शूट पर नहीं बुलाया क्योंकि माहौल उन्हें डराता था।
  • शो की कास्ट आज भी एक परिवार की तरह जुड़ी हुई है।
  • राजेश ने माना कि ‘रोशेष’ किरदार टीमवर्क की वजह से यादगार बन पाया।

2000 के दशक का सुपरहिट सिटकॉम साराभाई वर्सेज साराभाई आज भी दर्शकों के बीच उतना ही लोकप्रिय है। इस शो में रत्ना पाठक शाह, रूपाली गांगुली, सुमीत राघवन और सतीश शाह जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ राजेश कुमार ने ‘रोशेष साराभाई’ का किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। लेकिन हाल ही में राजेश ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस सफर के दौरान उन्हें कई बार कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा।

राजेश ने यूट्यूब चैनल Be You With Shraddha S पर बातचीत में कहा कि ‘रोशेष’ का जादू सिर्फ उनके अभिनय से नहीं, बल्कि बाकी कलाकारों की प्रतिक्रियाओं से बना। “अगर रत्ना पाठक शाह या सतीश शाह उस किरदार को रिएक्ट नहीं करते, तो रोशेष शायद इतना यादगार न बन पाता। आज भी हमारी व्हाट्सऐप ग्रुप में मुझे ट्रोल किया जाता है, खासकर सतीश जी की तरफ से।”

उन्होंने बताया कि पूरी कास्ट आज भी उसी रिश्ते में जुड़ी है। “हम अब भी एक-दूसरे को वही नामों से बुलाते हैं—रत्ना जी ‘मॉमा’ हैं, रूपाली मुझे ‘रोशू भैया’ कहती हैं, सुमीत ‘बड़े’ हैं और मैं ‘छोटे’। सतीश जी को मैं ‘डैड’ या ‘काका’ कहता हूं।”

हालांकि शूटिंग के शुरुआती दिनों में यह अनुभव उनके लिए आसान नहीं था। राजेश ने कहा, “मैं पहली बार कॉमेडी कर रहा था और सामने सतीश जी और रत्ना जी जैसे दिग्गज थे। मैं बेहद नर्वस था। शादीशुदा होने के बावजूद, सेट पर मैं खुद को बैचलर जैसा महसूस करता था क्योंकि साथी कलाकारों का रवैया ऐसा था। इसी वजह से मैंने कभी अपनी पत्नी को सेट पर नहीं बुलाया।”

राजेश ने एक कठिन अनुभव साझा किया जब उन्हें 1.5 पेज का लंबा डायलॉग देना था लेकिन वह बार-बार लाइनें भूल जाते थे। “हमने 8 टेक्स लिए। तब सतीश जी नाराज़ हो गए और बोले, ‘जब इसे डायलॉग याद हो जाए तब बुलाना।’ यह सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। मुझे समझ नहीं आया कि यह गुस्सा था, अपमान था या सिर्फ रैगिंग।”

फिर भी, राजेश मानते हैं कि इन्हीं अनुभवों ने उन्हें निखारा। “रोशेष वही बना जो टीम ने मिलकर बनाया। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा और यह हमेशा मेरे लिए यादगार रहेगा।”

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