मुख्य तथ्य
- भारत ने एशिया कप के पहले मैच में अर्शदीप सिंह को बाहर रखा।
- टीम ने जसप्रीत बुमराह को एकमात्र स्पेशलिस्ट पेसर के रूप में खिलाया।
- हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे और अक्षर पटेल तीनों ऑलराउंडर शामिल हुए।
- दिनेश कार्तिक ने कहा- दुबे का योगदान सिर्फ बॉलिंग नहीं, बैटिंग में भी अहम।
- कार्तिक के मुताबिक भारत का वर्ल्ड कप 2026 के लिए ब्लूप्रिंट साफ है।
एशिया कप 2025 में भारत की प्लेइंग इलेवन देखकर कई क्रिकेट फैंस हैरान रह गए, क्योंकि टीम मैनेजमेंट ने अपने स्टार तेज़ गेंदबाज़ और टी20आई के टॉप विकेट-टेकर अर्शदीप सिंह को बाहर बैठाया। कप्तान सूर्यकुमार यादव और मुख्य कोच गौतम गंभीर ने ऐसी टीम चुनी जिसमें बल्लेबाज़ी गहराई तक हो, भले ही इसके लिए एक स्पेशलिस्ट पेसर की बलि क्यों न देनी पड़ी हो।
भारत ने अपने शुरुआती मैच में सिर्फ जसप्रीत बुमराह को मुख्य तेज़ गेंदबाज़ के रूप में खिलाया, जबकि हार्दिक पांड्या और शिवम दुबे को बतौर फास्ट-बॉलिंग ऑलराउंडर इस्तेमाल किया गया। तीसरे ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने टीम को अतिरिक्त बैटिंग विकल्प दिया, जिससे बल्लेबाज़ी क्रम नंबर 8 तक लंबा हो गया।
इस फैसले ने सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ प्रशंसकों ने अर्शदीप की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए, लेकिन पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक ने Cricbuzz पर टीम की रणनीति का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि शिवम दुबे की ऑलराउंड क्षमता, अर्शदीप की गेंदबाज़ी के मुकाबले ज्यादा संतुलन देती है।
कार्तिक ने कहा, “अगर मैं शिवम दुबे की जगह अर्शदीप को शामिल करता हूँ तो गेंदबाज़ी में थोड़ा फायदा मिलता, लेकिन वह उतना अहम नहीं जितना दुबे बल्लेबाज़ी से टीम को देते हैं। यह सिर्फ दुबे की बात नहीं, बल्कि पूरी टीम की रणनीति है। एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ होने से पूरी बैटिंग एप्रोच बदल जाती है।”
‘एक्स्ट्रा बैटर से बदलती है सोच’
कार्तिक ने आगे कहा कि भारत का नया गेमप्लान हाई-इंटेंसिटी क्रिकेट पर आधारित है। “यह टीम अब शुरू से ही आक्रामक खेलती है। चाहे परिस्थिति कोई भी हो, वे पावरप्ले में बड़े शॉट्स खेलने से नहीं डरते। और अगर आपको यह स्टाइल जारी रखना है तो एक अतिरिक्त बैटर जरूरी है,” उन्होंने कहा।
वर्ल्ड कप के लिए साफ रणनीति
पूर्व क्रिकेटर ने यह भी जोड़ा कि भारत की यह रणनीति अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप की तैयारी का हिस्सा है। “भारत मजबूत टीम है क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें क्या करना है। बैट और बॉल, दोनों के लिए उनके पास साफ ब्लूप्रिंट है। और किसी बड़े टूर्नामेंट से छह महीने पहले यह सबसे अहम संकेत है,” कार्तिक ने कहा।
स्पष्ट है कि गंभीर और सूर्यकुमार की इस सोच ने टीम को जोखिम लेने की आज़ादी दी है। अब देखना यह होगा कि क्या यह ‘बैटिंग-डेप्थ फॉर्मूला’ भारत को एशिया कप और आगे वर्ल्ड कप में सफलता दिला पाता है।