भारत ने क्यों नहीं खरीदी अमेरिका से मक्का? ट्रंप का बड़ा आरोप

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के व्यापारिक फैसलों पर निशाना साधते हुए 50% टैरिफ लगाया, जबकि भारत म्यांमार और यूक्रेन से ड्यूटी-फ्री मक्का आयात कर रहा है।

Priyanka
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ट्रंप ने भारत पर मक्का आयात न करने का आरोप लगाया, जबकि भारत म्यांमार और यूक्रेन से ड्यूटी-फ्री मक्का खरीद रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर मक्का आयात को लेकर तीखा हमला बोला है। ट्रंप ने सवाल उठाया कि जब भारत म्यांमार और यूक्रेन जैसे देशों से मक्का खरीद सकता है, तो अमेरिका से क्यों नहीं? साथ ही अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ भी थोप दिया है।

मुख्य तथ्य

  • अमेरिका ने भारत पर मक्का आयात को लेकर 50% टैरिफ लगाया।
  • ट्रंप ने सवाल उठाया: भारत 1.4 अरब की आबादी के बावजूद अमेरिका से क्यों नहीं खरीदता मक्का।
  • भारत ने 2025 में लगभग 10 लाख टन मक्का आयात किया, ज्यादातर म्यांमार और यूक्रेन से।
  • अमेरिकी मक्का 90% तक जेनेटिकली मॉडिफाइड है, जो भारत में प्रतिबंधित है।
  • उच्च लागत, ड्यूटी और किसानों की सुरक्षा नीतियों के चलते भारत अमेरिकी मक्का से दूर।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के व्यापारिक फैसलों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत जब म्यांमार और यूक्रेन जैसे देशों से मक्का आयात कर सकता है, तो अमेरिका से क्यों नहीं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत अपने 1.4 अरब की आबादी का हवाला देता है, लेकिन अमेरिकी किसानों से एक बुशल मक्का भी नहीं खरीदता।

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने हाल ही में कहा कि भारत को अपने आयात टैरिफ घटाने होंगे, वरना दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार तक उसकी पहुंच मुश्किल हो जाएगी। इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और गहरा गया है।

भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा मक्का उत्पादक है और हर साल करीब 4 करोड़ टन मक्का उगाता है। इसमें से 50-60% पशु चारे में, 15-20% एथेनॉल उत्पादन में और 10-15% खाद्य उपभोग में इस्तेमाल होता है। लंबे समय तक भारत मक्का उत्पादन में आत्मनिर्भर रहा, लेकिन एथेनॉल नीति के विस्तार और पोल्ट्री उद्योग की मांग बढ़ने के कारण आयात पर निर्भरता बढ़ गई।

2023 में जहां भारत ने सिर्फ 5,000 टन मक्का आयात किया था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 10 लाख टन तक पहुंच गया। 2025 में भी भारत को सालाना 60 से 70 लाख टन मक्का की जरूरत होगी। इस आयात में म्यांमार और यूक्रेन का बड़ा योगदान है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में भारत ने म्यांमार से करीब 1-2 लाख टन और 2025 (जनवरी से अगस्त तक) में 1.3 लाख टन मक्का खरीदा, वह भी ड्यूटी-फ्री। इसी तरह यूक्रेन से जनवरी-अगस्त 2025 के बीच करीब 4 लाख टन मक्का आया।

इसके बावजूद अमेरिका से एक भी शिपमेंट भारत नहीं पहुंचा। विशेषज्ञ इसके चार कारण बताते हैं। पहला, अमेरिकी मक्का का लगभग 90% हिस्सा जेनेटिकली मॉडिफाइड है, जिसे भारत सख्ती से प्रतिबंधित करता है। दूसरा, अमेरिका भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाता है, जबकि म्यांमार और यूक्रेन से आने वाला मक्का ड्यूटी-फ्री आता है। तीसरा, अमेरिका से आयात की लागत, लॉजिस्टिक्स और भाड़ा शुल्क भारत के लिए महंगा पड़ता है। और चौथा, भारत बार-बार दोहराता रहा है कि वह अपने किसानों की सुरक्षा करेगा और महंगे आयात से उन्हें नुकसान नहीं पहुंचने देगा।

भारत का रुख साफ है— आयात अस्थायी है और लक्ष्य घरेलू उत्पादन को दोगुना करना है। 2047 तक भारत का लक्ष्य मक्का उत्पादन को 8.6 करोड़ टन तक ले जाने का है।

ट्रंप का सवाल भले ही सख्त हो, लेकिन भारत की प्राथमिकता किसानों का संरक्षण, लागत संतुलन और खाद्य सुरक्षा मानकों पर बनी रहेगी।

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