पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ इस महीने के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस मुलाकात में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी शरीफ़ के साथ मौजूद रहेंगे। यह बैठक न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के इतर आयोजित की जाएगी।
मुख्य तथ्य
- पाकिस्तान PM शहबाज़ शरीफ़ और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात इस महीने के अंत में होने की संभावना।
- आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी इस बैठक में शामिल रहेंगे।
- इससे पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में केवल मुनीर से मुलाकात की थी।
- ट्रंप ने उस बैठक में भारत-पाक युद्ध टलने की तारीफ की थी।
- मुलाकात से भारत-पाक संबंधों और अमेरिका की भूमिका पर चर्चा की उम्मीद।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ इस महीने के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान न्यूयॉर्क में होगी। इस बैठक में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी शरीफ़ के साथ मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की राजनीति और विदेश नीति में सेना की भूमिका हमेशा से अहम रही है। आसिम मुनीर, जिन्हें पाकिस्तान में सबसे प्रभावशाली शख्सियत माना जाता है, हाल ही में चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भी शरीफ़ के साथ नजर आए थे। इस वजह से उनकी मौजूदगी इस बैठक को और ज्यादा महत्वपूर्ण बनाती है।
यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने आसिम मुनीर से मुलाकात कर दुनिया को चौंका दिया था। यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस में बिना किसी वरिष्ठ नागरिक अधिकारी के बुलाकर मुलाकात की थी।
उस बैठक के बाद ट्रंप ने बयान देते हुए कहा था, “मैंने उन्हें बुलाया क्योंकि मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता था कि उन्होंने युद्ध में न जाकर उसे खत्म किया। प्रधानमंत्री मोदी अभी थोड़ी देर पहले यहां से गए थे और हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं। मैं खुश हूं कि दो बड़े परमाणु शक्ति संपन्न देश युद्ध से पीछे हट गए। मैं सम्मानित महसूस करता हूं कि मैं उनसे मिल सका।”
इस बयान से साफ है कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ शांति बनाए रखने और आर्थिक संबंध मजबूत करने की दिशा में सक्रिय है। अब शहबाज़ शरीफ़ और ट्रंप की यह मुलाकात कई मायनों में अहम साबित हो सकती है। एक तरफ जहां पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ भारत के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। ऐसे में अमेरिकी हस्तक्षेप भविष्य की कूटनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में आतंकवाद, आर्थिक सहयोग, व्यापार और क्षेत्रीय शांति जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा हो सकती है। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि पाकिस्तान अपनी आंतरिक राजनीति और सेना की शक्ति के बीच किस तरह संतुलन स्थापित करता है।


