होडैदा पोर्ट पर इज़राइल का बड़ा हमला, हौथियों की सैन्य ढांचा तबाह

ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों पर इज़राइल के लगातार हमले, सना और अब होदैदा में भारी तबाही।

newsdaynight
3 Min Read
इज़राइल का यमन पर हमला, होदैदा पोर्ट पर हवाई स्ट्राइक

यमन में ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों और इज़राइल के बीच संघर्ष तेज़ हो गया है। पिछले हफ्ते सना में हुए हमले के बाद मंगलवार को इज़राइल ने होदैदा पोर्ट पर एयरस्ट्राइक की। इस हमले ने शहर में दहशत फैला दी और हौथियों ने जवाब में अपने एयर डिफेंस सक्रिय किए।

मुख्य तथ्य

  • इज़राइल ने यमन के होदैदा पोर्ट पर हवाई हमला किया।
  • हमला हौथी विद्रोहियों के “सैन्य ढांचे” पर किया गया।
  • हौथियों ने दावा किया कि उनके एयर डिफेंस ने इज़राइली विमानों को पीछे हटने पर मजबूर किया।
  • पिछले हफ्ते सना पर हमलों में 46 लोगों की मौत, 165 घायल हुए थे।
  • स्थानीय लोग बिना सरकारी मदद के खुद अपने घरों को फिर से बनाने को मजबूर।

मंगलवार, 16 सितंबर को इज़राइली सेना ने यमन के होदैदा पोर्ट पर बड़ा हवाई हमला किया। हमले से पहले क्षेत्र में लोगों को खाली करने की चेतावनी दी गई थी। इज़राइल का दावा है कि यह पोर्ट हौथी विद्रोहियों द्वारा ईरान से हथियारों की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। सेना ने बयान में कहा कि यह हमला “हौथी आतंकवादी शासन के सैन्य ढांचे” पर किया गया है।

हौथी प्रवक्ता यहया सरी ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उनके एयर डिफेंस ने इज़राइली विमानों को भारी भ्रमित कर दिया, जिससे कई युद्धक विमान हमले से पहले ही पीछे हट गए। उन्होंने कहा, “हमारे हवाई बचाव ने दुश्मन की गहराई में घुसपैठ को विफल कर दिया।”

यह हमला ऐसे समय में हुआ जब पिछले हफ्ते सना पर इज़राइल के हवाई हमलों ने भारी तबाही मचाई थी। विद्रोहियों द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इन हमलों में 46 लोगों की मौत हुई, जिनमें 11 महिलाएं और पांच बच्चे शामिल थे। इसके अलावा 165 लोग घायल हुए। हमले में आवासीय इलाकों, एक सैन्य कमांड सेंटर, एक पेट्रोल स्टेशन और सरकारी इमारतों को भी निशाना बनाया गया। यहां तक कि यमन के राष्ट्रीय संग्रहालय को भी नुकसान पहुंचा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वे सरकार से किसी मदद की उम्मीद नहीं कर रहे। सना के तहरीर इलाके में दर्जनों घर तबाह हो गए। उम तलाल नाम की महिला ने बताया कि उनका लिविंग रूम और किचन पूरी तरह बर्बाद हो गया। “सब कुछ पलक झपकते खत्म हो गया, अब हमें खुद ही मरम्मत करनी पड़ेगी,” उन्होंने कहा। इसी तरह अहमद अल-वसाबी ने बताया कि उनका घर आंशिक रूप से ढह गया लेकिन परिवार बच गया क्योंकि वे बाहर थे।

इन हमलों ने यमन में पहले से मौजूद मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है। गरीबी और संसाधनों की कमी के बीच लोग अपने टूटे घरों को खुद सुधारने पर मजबूर हैं। दूसरी ओर, हौथी विद्रोही ईरान से मिल रहे समर्थन के बल पर इज़राइल के खिलाफ प्रतिरोध जारी रखने की बात कर रहे हैं।

Share This Article
Leave a Comment