उत्तराखंड के चमोली जिले में गुरुवार सुबह भारी बारिश के बाद कई मकान मलबे में दब गए। इस हादसे में कम से कम 12 लोग लापता हैं, जबकि राहत और बचाव अभियान जारी है। SDRF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं।
मुख्य तथ्य
- चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में 10-12 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त।
- हादसे में 12 लोग लापता, 150 से अधिक ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट।
- SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य तेज किया।
- 3 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया, घायलों का इलाज जारी।
- 2 दिन पहले बादल फटने से देहरादून में 23 लोगों की मौत हुई थी।
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर तबाही मचाई है। गुरुवार सुबह चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कई मकान मलबे में दब गए। जिला प्रशासन ने पुष्टि की है कि इस हादसे में कम से कम 12 लोग लापता हैं, जबकि बचाव दल लगातार राहत कार्य में जुटे हुए हैं।

चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि नंदानगर के कुंतरी लगाफली, धुर्मा और सरपानी इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। आठ लोग कुंतरी लगाफली, दो धुर्मा और दो सरपानी से लापता हैं। लापता लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। प्रशासन ने कहा है कि यह संख्या और बढ़ सकती है।
स्थानीय पुलिस, DDRF और राजस्व टीमों ने तीन लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला है, जिनमें दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल हैं। इसके अलावा, 150–200 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और घायलों को नंदानगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रशासन, SDRF और पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची हैं और राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि वे स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और भगवान से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को बादल फटने और भूस्खलन से देहरादून और आसपास के जिलों में 23 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से 21 शव देहरादून से और एक-एक शव पिथौरागढ़ व नैनीताल से बरामद हुआ था। लगातार बारिश और प्राकृतिक आपदाओं ने राज्य की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।


