यूपी के बागपत जिले के खेकरा गांव से निकलकर 25 वर्षीय सचिन यादव ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने अपना पर्सनल बेस्ट थ्रो करते हुए चौथा स्थान हासिल किया और पाकिस्तान के अरशद नाडेम से आगे निकलकर भारत को गर्व महसूस कराया।
मुख्य तथ्य
- सचिन यादव ने विश्व चैंपियनशिप में 86.27 मीटर का पर्सनल बेस्ट थ्रो किया।
- उन्होंने पाकिस्तान के अरशद नाडेम को पीछे छोड़ चौथा स्थान हासिल किया।
- AFI ने कहा – सचिन में 90 मीटर पार करने की क्षमता है।
- कोच ने प्रेरणा के लिए कहा – “नाडेम से पीछे मत रहना।”
- परिवार ने क्रिकेट छोड़ javelin चुनने के फैसले पर जताई खुशी।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकरा गांव के 25 वर्षीय सचिन यादव ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा। सचिन ने 86.27 मीटर का पर्सनल बेस्ट थ्रो किया और चौथे स्थान पर रहे। भले ही वे पदक से चूक गए हों, लेकिन पाकिस्तान के स्टार अरशद नाडेम से आगे निकलना उनके लिए बड़ी उपलब्धि रही।

फाइनल मुकाबले में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। इस बार ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा आठवें स्थान पर रहे, जबकि त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने गोल्ड जीता। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स को सिल्वर और अमेरिका के कर्टिस थॉम्पसन को ब्रॉन्ज मिला।
सचिन के कोच नवल सिंह ने उन्हें मैच से पहले खास सलाह दी थी– “किसी भी हालत में नाडेम से पीछे मत रहना।” यह प्रेरणा सचिन के लिए असरदार साबित हुई। कोच का मानना है कि सचिन ने प्रैक्टिस में 90 मीटर तक थ्रो किया है और आने वाले वर्षों में वे मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करेंगे।
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) ने भी सचिन की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें 90 मीटर पार करने की पूरी क्षमता है। समिति के चेयरमैन ललित भनोट ने कहा कि नीरज की तरह सचिन भी अगले 10 साल तक भारत के लिए मेडल ला सकते हैं। उन्होंने संकेत दिए कि अब सचिन की ट्रेनिंग को और उन्नत बनाने की योजना है, जिसमें विदेशी कोच सर्गेई माकारोव के साथ ट्रेनिंग भी शामिल हो सकती है।
सचिन का परिवार भी अब बेहद खुश है। उनके भाई विपिन यादव ने कहा कि जब उन्होंने क्रिकेट छोड़कर जैवलिन थ्रो चुनने का फैसला लिया था, तो परिवार चिंतित था। लेकिन अब उनका फैसला सही साबित हुआ है और पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है।
भारतीय जैवलिन थ्रो में यह नया दौर है। नीरज चोपड़ा की ओलंपिक गोल्ड से शुरू हुई क्रांति को अब सचिन यादव जैसे युवा आगे बढ़ा रहे हैं। आने वाले वर्षों में भारतीय जैवलिन टीम दुनिया के सबसे मजबूत दलों में गिनी जा सकती है।


