आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तेज़ रफ्तार ने निवेशकों और कंपनियों के बीच उत्साह के साथ-साथ चिंता भी बढ़ा दी है। हाल ही में Deutsche Bank ने इसे “वह गर्मी जब AI कुरूप हो गया” कहा, जबकि MIT की एक स्टडी ने दावा किया कि 95% AI प्रोजेक्ट ROI देने में नाकाम रहे। अब Meta CEO मार्क जुकरबर्ग ने भी स्वीकार किया है कि AI सेक्टर में बबल बनने का खतरा है, हालांकि उनके मुताबिक देर से निवेश करना और भी बड़ा जोखिम होगा।
मुख्य तथ्य
- MIT स्टडी: 95% AI पायलट प्रोजेक्ट्स निवेश पर रिटर्न देने में फेल।
- सैम ऑल्टमैन और जुकरबर्ग दोनों ने AI बबल की संभावना जताई।
- 2025 में अमेरिकी टेक कंपनियों ने $155 बिलियन से ज्यादा AI पर खर्च किए।
- Meta ने 2028 तक डेटा सेंटर्स व AI इन्फ्रास्ट्रक्चर पर $600 बिलियन लगाने का वादा किया।
- जुकरबर्ग बोले: “ओवर-इंवेस्टमेंट का रिस्क, लेट होने से बेहतर है।”
पिछले कुछ महीनों से वैश्विक बाज़ार में AI बबल (Artificial Intelligence Bubble) की चर्चा तेज़ हो गई है। Deutsche Bank ने इसे “the summer AI turned ugly” कहा, वहीं MIT की अगस्त रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 40 बिलियन डॉलर से ज़्यादा निवेश के बावजूद 95% AI पायलट प्रोग्राम रिटर्न देने में विफल रहे। इस माहौल में, Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग ने माना कि AI में अत्यधिक निवेश से बबल बन सकता है, लेकिन इसके बावजूद वे इसे ज़रूरी मानते हैं।
जुकरबर्ग का कहना है कि अगर कंपनियाँ धीरे चलती हैं और AI सुपरइंटेलिजेंस अपेक्षा से पहले हासिल हो जाता है, तो वे पीछे रह जाएँगी। उन्होंने चेतावनी दी कि चाहे रेलरोड्स हों या डॉट-कॉम बबल, इतिहास गवाह है कि बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश अक्सर बबल में तब्दील होते हैं। कंपनियाँ कर्ज में डूब जाती हैं और मांग घटने पर ढह जाती हैं, हालांकि पीछे मूल्यवान संपत्तियाँ रह जाती हैं।
Meta CEO ने कहा, “अगर कुछ सौ बिलियन डॉलर गलत जगह खर्च हो गए तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा, लेकिन असली जोखिम धीमे निवेश का है। अगर सुपरइंटेलिजेंस तीन साल में संभव है और आप पाँच साल मानकर तैयारी कर रहे हैं, तो आप सबसे बड़े तकनीकी बदलाव से चूक जाएँगे।”
सैम ऑल्टमैन, OpenAI के CEO, भी पहले चेतावनी दे चुके हैं कि AI बूम “बबल” जैसे संकेत दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि अक्सर स्मार्ट लोग “सच की एक चिंगारी” पर अति-उत्साहित हो जाते हैं। AI सच में ट्रांसफॉर्मेटिव है, लेकिन इसके आसपास “कैश की अंधी दौड़” वैल्यूएशन को खतरनाक स्तर पर पहुँचा सकती है।
2025 में ही अमेरिकी टेक दिग्गजों ने $155 बिलियन से ज़्यादा AI डेवलपमेंट पर खर्च किया है। Statista के मुताबिक, AI मार्केट वैल्यू फिलहाल $244.2 बिलियन तक पहुँच चुकी है। वहीं, Meta ने अमेरिका में 2028 तक $600 बिलियन निवेश का ऐलान किया है, जिसमें डेटा सेंटर्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुपरइंटेलिजेंस लैब शामिल है।
हालांकि जुकरबर्ग ने साफ किया कि Meta का अस्तित्व सिर्फ AI पर निर्भर नहीं है। लेकिन उनके मुताबिक, यह “इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी बदलाव” है और इसमें पीछे रहना सबसे बड़ा जोखिम होगा।


