मुख्य तथ्य
- भारत ने पाकिस्तान को एशिया कप 2025 के ग्रुप मैच में 7 विकेट से हराया।
- मैच के बाद सूर्यकुमार यादव ने जीत को पहलगाम हमले के शहीदों और सेना को समर्पित किया।
- भारतीय टीम ने पाकिस्तान खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से भी किया इनकार।
- PCB ने सूर्यकुमार की बयानबाजी और टीम के रवैये को लेकर आईसीसी में दो शिकायतें दर्ज कराईं।
- आईसीसी मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने BCCI को भेजा मेल, कप्तान को दोषी पाया।
एशिया कप 2025 का भारत-पाकिस्तान मुकाबला क्रिकेट इतिहास का सिर्फ एक मैच नहीं बल्कि भावनाओं का संगम बन गया। भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराकर टूर्नामेंट में अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। यह जीत खास इसलिए भी थी क्योंकि यह मैच पहलगाम आतंकी हमले और भारत की ऑपरेशन सिंदूर कार्रवाई के बाद खेला गया था। इस संवेदनशील माहौल में भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन और प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा बयान दिया।
सूर्यकुमार ने कहा कि यह जीत पहलगाम हमले के शिकार परिवारों और भारतीय सेना को समर्पित है। उनकी इस टिप्पणी ने मैच देखने वाले करोड़ों भारतीयों को भावुक कर दिया, लेकिन दूसरी ओर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) इसे क्रिकेट की “छवि को नुकसान पहुंचाने” वाला बयान मान रहा है।
PCB ने सूर्यकुमार के बयानों और टीम इंडिया द्वारा पाकिस्तान खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाने की घटना को लेकर आईसीसी में दो शिकायतें दर्ज कराई हैं। अब यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ चुका है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीसी ने इस पूरे विवाद की जांच के लिए अपने मैच रेफरी रिची रिचर्डसन को जिम्मेदारी सौंपी है। रिचर्डसन ने मामले की समीक्षा करने के बाद बीसीसीआई (BCCI) को मेल भेजा है। मेल में उन्होंने साफ कहा कि सूर्यकुमार यादव का बयान “खेल की छवि को नुकसान” पहुंचाता है और उन्हें दोषी पाया गया है।
अब अगला कदम सूर्यकुमार यादव पर निर्भर करता है। अगर वे अपनी “गलती” मान लेते हैं तो सज़ा का निर्धारण रिचर्डसन करेंगे। लेकिन अगर वे आरोप स्वीकार नहीं करते, तो एक औपचारिक जांच शुरू होगी, जिसमें PCB अधिकारी भी शामिल होंगे। यह सुनवाई सूर्यकुमार के करियर और भारत-पाक क्रिकेट संबंधों दोनों पर असर डाल सकती है।
यह पहली बार नहीं है जब भारत-पाकिस्तान मैच के बाद विवाद खड़ा हुआ है, लेकिन इस बार मामला सीधा कप्तान की टिप्पणी और टीम के सामूहिक रुख से जुड़ा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आईसीसी इस पर कितनी सख्ती दिखाती है और बीसीसीआई अपने कप्तान का बचाव कैसे करता है।


