IMF चीफ की चेतावनी: uncertainty is the new normal

IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीएवा ने कहा — वैश्विक अर्थव्यवस्था लचीली जरूर है, लेकिन संकट अभी खत्म नहीं हुआ।

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IMF चीफ की चेतावनी: अनिश्चितता नया सामान्य

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीएवा ने विश्व व्यापार और आर्थिक स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि “uncertainty is the new normal and it is here to stay”
वॉशिंगटन में अगले सप्ताह होने वाली IMF और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले उन्होंने चेतावनी दी कि वैश्विक लचीलापन अभी अपनी सबसे बड़ी परीक्षा से गुज़रना बाकी है।

मुख्य तथ्य

  • IMF प्रमुख ने कहा: “Buckle up — अनिश्चितता अब स्थायी है।”
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3% पर बनी रहने की उम्मीद।
  • सोने की कीमतें पहली बार $4,000 प्रति औंस के पार गईं।
  • ट्रंप के टैरिफ से मुद्रास्फीति और विकास पर खतरा बढ़ा।
  • IMF ने अमेरिका को ऋण संकट और घरेलू बचत सुधारने की सलाह दी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीएवा ने बुधवार को एक थिंक टैंक कार्यक्रम में कहा कि अनिश्चितता अब वैश्विक अर्थव्यवस्था की नई पहचान बन चुकी है। दुनिया को संभलकर चलना होगा।”
उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब सोने की कीमतों ने इतिहास रचते हुए $4,000 प्रति औंस का स्तर पार कर लिया — यह संकेत है कि निवेशक डॉलर की कमजोरी और भू-राजनीतिक तनाव से बचाव के लिए सुरक्षित निवेश विकल्प तलाश रहे हैं।

जॉर्जीएवा ने कहा कि इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था के 3% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने देशों की निर्णायक आर्थिक नीतियों और निजी क्षेत्र की अनुकूलन क्षमता को इसकी वजह बताया। हालांकि उन्होंने आगाह किया कि यह स्थिरता स्थायी नहीं हो सकती। “वैश्विक लचीलापन अभी परखा नहीं गया है, और आने वाले समय में इसका असली परीक्षण होना बाकी है,” उन्होंने कहा।

ट्रंप की टैरिफ नीति पर असर

जॉर्जीएवा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि “इनका पूरा प्रभाव अभी सामने आना बाकी है। अमेरिका में बढ़ती लागत मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती है, जिससे मौद्रिक नीति और विकास दोनों प्रभावित होंगे।”
ट्रंप प्रशासन ने अप्रैल में लगभग सभी व्यापारिक साझेदारों — कनाडा, मेक्सिको, ब्राज़ील, चीन, यहां तक कि अफ्रीकी देश लेसोथो — पर आयात शुल्क लगाया। ट्रंप ने इसे “अमेरिका की मजबूरी” बताते हुए कहा था, हम टैरिफ से सबसे ज़्यादा पीड़ित रहे हैं।”

वैश्विक असंतोष और युवाओं की आवाज़

जॉर्जीएवा ने अपने भाषण में युवाओं की बढ़ती असंतोष की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “लिमा से लेकर जकार्ता तक, पेरिस से नैरोबी तक — युवा बेहतर अवसरों की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। उन्हें डर है कि वे अपने माता-पिता से कम कमाएंगे।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी यही प्रवृत्ति दिख रही है, जहां युवाओं की कमाई की संभावना लगातार घट रही है — जिससे असंतोष बढ़ा है और यह नीति बदलावों का कारण बना है।

अमेरिका के ऋण संकट पर चिंता

जॉर्जीएवा ने अमेरिकी सरकार को राष्ट्रीय ऋण पर नियंत्रण और घरेलू बचत को प्रोत्साहित करने की सलाह दी। अमेरिकी ट्रेजरी के अनुसार, 1925 में जहां राष्ट्रीय ऋण $380 अरब था, वहीं 2025 में यह $37.64 ट्रिलियन तक पहुंच गया है।
कांग्रेसनल बजट ऑफिस की जुलाई रिपोर्ट बताती है कि ट्रंप के नए कर और खर्च कानूनों से यह आंकड़ा 2034 तक $3.4 ट्रिलियन और बढ़ सकता है। IMF प्रमुख ने कहा, “यह समय है कि सरकार दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए निर्णायक कदम उठाए।”

IMF की भूमिका और आगे की राह

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) — 191 सदस्य देशों वाला संगठन — वैश्विक विकास, वित्तीय स्थिरता और गरीबी उन्मूलन को बढ़ावा देता है। जॉर्जीएवा ने कहा कि एशिया में क्षेत्रीय व्यापार को मजबूत करने, अफ्रीका में व्यवसायिक सुधार और यूरोप में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने अंत में कहा, दुनिया के सामने जो चुनौतियाँ हैं, वे अस्थायी नहीं — बल्कि दीर्घकालिक हैं। हमें आर्थिक नीतियों में लचीलापन लाना होगा और मिलकर आगे बढ़ना होगा।”

 

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