आंध्र प्रदेश के कई जिलों में मंगलवार सुबह से ही तेज हवाओं और भारी बारिश ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। चक्रवात मॉन्था (Cyclone Montha) के आज रात तक तट से टकराने की संभावना है। प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के लिए 10,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित शिविरों में स्थानांतरित कर दिया है और रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मुख्य तथ्य
- आंध्र प्रदेश में चक्रवात मॉन्था के आज रात लैंडफॉल की संभावना।
- हवा की रफ्तार 80 से 110 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने की चेतावनी।
- काकीनाडा, विशाखापट्टनम, कृष्णा और पश्चिम गोदावरी में भारी बारिश।
- 10,000 लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाया गया।
- 11 NDRF और 12 SDRF टीमें राहत कार्य में तैनात।
मंगलवार सुबह से आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में चक्रवात मॉन्था का असर दिखाई देने लगा है। तेज हवाओं के साथ लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने काकीनाडा और मछलीपट्टनम के बीच आज रात लैंडफॉल की चेतावनी दी है, जहां हवा की गति 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
राज्य प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अब तक 10,000 से अधिक लोगों को स्कूलों और सरकारी इमारतों में बने राहत शिविरों में पहुंचाया है। काकीनाडा, कोनसीमा, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी और विजयनगरम जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, चक्रवात मॉन्था पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। यह वर्तमान में मछलीपट्टनम से 160 किमी, काकीनाडा से 240 किमी और विशाखापट्टनम से 320 किमी दूर स्थित है। इसकी रफ्तार 12 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई है।
आपातकालीन सेवाओं के तहत 242 मेडिकल कैंप खोले गए हैं और 283 एंबुलेंस को तैयार रखा गया है। मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी और टीमें पहले से तैनात हैं। 11 एनडीआरएफ और 12 एसडीआरएफ टीमें बचाव और राहत कार्य के लिए विभिन्न स्थानों पर मौजूद हैं। वहीं, अग्निशमन विभाग ने तटीय क्षेत्रों में नावें, लाइफ जैकेट्स और स्विमर्स को स्टैंडबाय रखा है।
सरकार ने बिजली कटौती की आशंका के चलते मोबाइल ट्रांसफॉर्मर और जेनरेटर तैयार रखे हैं। साथ ही, सामुदायिक रसोईघरों को सक्रिय किया गया है ताकि बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर वर्गों के लिए भोजन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अगले 24 घंटे तक तटीय क्षेत्रों में यात्रा न करें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और राहत उपायों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है।


