Elon Musk का दावा: 10–20 साल में काम optional, पैसा भी irrelevant

AI और Robotics से दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी, मस्क बोले—“Jobs होंगी choice, need नहीं”

newsdaynight
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Elon Musk: 20 साल में काम होगा optional, पैसा कम ज़रूरी

Tesla CEO Elon Musk ने एक bold prediction की है—अगले 10–20 साल में काम करना एक optional activity होगा और पैसा भी society में उतनी important role नहीं निभाएगा। मस्क के अनुसार, AI और robotics इतने advanced हो जाएंगे कि लोगों को काम जरूरी नहीं, बल्कि hobby की तरह करना होगा। लेकिन कई economists उनकी समय-सीमा और सोच पर सवाल उठा रहे हैं।

मुख्य तथ्य

  • Elon Musk ने कहा—आगे चलकर काम पूरी तरह optional होगा।
  • उनका दावा है कि पैसा भी समाज में उतना महत्त्व नहीं रखेगा।
  • AI और robots के कारण वस्तुओं और सेवाओं की कमी समाप्त हो जाएगी।
  • कई अर्थशास्त्री कहते हैं—यह संभव तो है, पर समयसीमा बहुत आशावादी है।
  • विशेषज्ञों ने सामाजिक असमानता और रोज़गार पर प्रभाव को लेकर प्रश्न उठाए हैं।

Tesla के प्रमुख Elon Musk ने भविष्य की दुनिया को लेकर एक बड़ा और विवादास्पद विचार सामने रखा है। उनका कहना है कि आने वाले दस से बीस वर्षों में मनुष्य को जीविका चलाने के लिए काम करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। उनका मानना है कि जैसे कुछ लोग केवल शौक के लिए घर के पीछे सब्ज़ियाँ उगाते हैं, वैसे ही आने वाले समय में काम भी रुचि और मन चाहे तो किया जाएगा।

Musk ने कहा कि आगे चलकर मनुष्य चाहे तो नौकरी करें, चाहे न करें—क्योंकि समाज की उत्पादकता का अधिकांश भाग AI और robots संभाल लेंगे। उनका विचार है कि जब उत्पादन क्षमता अनंत के समान हो जाएगी, तो भोजन, वस्त्र, परिवहन और अन्य आवश्यकताओं की कमी लगभग समाप्त हो जाएगी। ऐसे में मनुष्य को पारंपरिक अर्थों में काम करने की ज़रूरत नहीं रहेगी।

Tesla का भविष्य और robots की भूमिका

Musk लंबे समय से ऐसी तकनीकी दुनिया का चित्र प्रस्तुत करते आए हैं जहाँ मशीनें मनुष्य की अधिकांश जिम्मेदारियाँ उठाएँगी। उन्होंने अपने Optimus नामक रोबोट का उल्लेख भी किया और कहा कि आने वाले वर्षों में Tesla की कीमत का बड़ा हिस्सा इन्हीं मशीनों से प्राप्त हो सकता है। उनके अनुसार, AI और रोबोटिक तकनीक में निरंतर सुधार से ऐसी अवस्था आएगी जहाँ मनुष्य केवल अपनी इच्छा से काम करेंगे, बाध्यता से नहीं।

पैसा क्यों हो जाएगा कम महत्त्वपूर्ण?

Musk का कहना है कि जब समाज को आवश्यक वस्तुएँ और सेवाएँ लगभग बिना सीमा के उपलब्ध होंगी, तो पारंपरिक अर्थव्यवस्था का ढाँचा बदल जाएगा। उन्होंने विज्ञान–कथा लेखक Iain Banks की पुस्तक–शृंखला का ज़िक्र किया, जिसमें ऐसी दुनिया दर्शायी गई है जहाँ अतिबुद्धिमान मशीनों के कारण मनुष्य को कमाने की आवश्यकता नहीं रहती और पैसे का अस्तित्व भी धीरे–धीरे समाप्त हो जाता है।

Musk का तर्क है कि यदि AI और robots लगातार बेहतर होते रहे, तो एक समय ऐसा आएगा जब पैसा भी समाज की प्राथमिक आवश्यकताओं का साधन नहीं रहेगा।

अर्थशास्त्रियों की शंकाएँ

जहाँ Musk की सोच भविष्य की संभावना को दर्शाती है, वहीं कई अर्थशास्त्री इसे व्यवहार में कठिन मानते हैं। उनका कहना है कि तकनीक का विकास अवश्य हो रहा है, पर robots का निर्माण अभी बहुत महँगा है और उन्हें बड़े पैमाने पर लागू करना सरल नहीं है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि AI ने कार्यालयों में कुछ प्रक्रियाओं को सरल किया है, लेकिन बड़े स्तर पर काम की जगह बदलने जैसी स्थिति अभी नहीं है।

कुछ रिपोर्टों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में AI आने के बावजूद वैश्विक नौकरी–बाज़ार में कोई बहुत बड़ा परिवर्तन दिखाई नहीं पड़ा है। इससे संकेत मिलता है कि समाज को पूरी तरह मशीनों पर आधारित बनाने में अभी लंबा समय लग सकता है।

समाज में असमानता का प्रश्न

कुछ विशेषज्ञों का मत है कि AI और robots का उपयोग यदि केवल कुछ लोगों के पास केंद्रित रहा, तो समाज में असमानता और बढ़ सकती है। आज भी तकनीकी क्षेत्र में होने वाली कमाई मुख्यतः उन कंपनियों और व्यक्तियों को लाभ पहुँचा रही है जो पहले से आर्थिक रूप से मजबूत हैं।

कई अर्थशास्त्री कहते हैं कि यदि भविष्य में नौकरी की आवश्यकता कम हो जाएगी, तो सरकारों को सभी नागरिकों के लिए आय की गारंटी जैसे प्रबंध करने होंगे। बिना इसके कुछ लोग अत्यधिक धन–संपन्न और कुछ लोग संसाधनों से वंचित रह सकते हैं।

क्या मनुष्य बिना काम के रह पाएंगे?

Musk की भविष्यवाणी केवल आर्थिक सवाल नहीं उठाती, बल्कि जीवन के अर्थ से जुड़ा प्रश्न भी सामने लाती है। बहुत से मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि काम मनुष्य को उद्देश्य, सामाजिक संबंध और पहचान देता है। यदि काम अनिवार्य न रहे, तो समाज को नए तरीके खोजने होंगे जिनसे मनुष्य अपने जीवन का अर्थ और संतोष प्राप्त कर सके।

स्वयं Musk ने भी कहा कि भविष्य में मनुष्यों की भूमिका शायद यह होगी कि वे AI को “अर्थ” दें—यानी समाज के मूल्यों और दिशा को निर्धारित करने में मनुष्य अभी भी महत्वपूर्ण रह सकते हैं।

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