मनोरंजन जगत से बेहद दुखद समाचार है—हिंदी फिल्मों के महान अभिनेता धर्मेंद्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। फिल्म निर्माता करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर इस खबर की पुष्टि की।
पांच दशकों से अधिक समय तक दर्शकों का दिल जीतने वाले इस सुपरस्टार की आवाज़, मुस्कान और करिश्माई अभिनय अब सिर्फ़ यादों में रह जाएगा।
मुख्य तथ्य
- 89 वर्षीय दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन, करण जौहर ने की पुष्टि।
- अक्टूबर 2025 में मुंबई के अस्पताल में भर्ती, बढ़ती उम्र की समस्याएँ थीं।
- पिछले वर्षों में स्वास्थ्य को लेकर कई बार चर्चा में रहे।
- ‘शोले’ से ‘चुपके चुपके’ तक—300 से अधिक फिल्मों में अमिट छाप।
- अंतिम बार 25 दिसंबर को रिलीज़ होने वाली फिल्म ‘इक्कीस’ में नज़र आएँगे।
हिंदी सिनेमा के सबसे प्यारे, सरल और दिल जीतने वाले कलाकार धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दुखद खबर की पुष्टि फिल्म निर्माता करण जौहर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिए की, जिसके बाद सोशल मीडिया पर शोक और श्रद्धांजलि का सिलसिला शुरू हो गया।
अस्पताल में भर्ती, बढ़ती उम्र की दिक्कतों से जूझ रहे थे
अक्टूबर 2025 में धर्मेंद्र को मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी टीम ने इसे “रूटीन चेकअप” बताया था और बाद में उन्हें छुट्टी देकर घर ले जाया गया।
इससे पहले भी कई बार उनका स्वास्थ्य चर्चा में रहा। वर्ष 2023 में उनके बेटे सनी देओल इलाज के लिए उन्हें अमेरिका ले गए थे। हालांकि, हर बार धर्मेंद्र ने अपनी सकारात्मकता से प्रशंसकों को दिलासा दिया।
इस साल अप्रैल में जब उनकी एक तस्वीर आई जिसमें उनकी एक आंख पर पट्टी बंधी थी, तो फैंस चिंतित हो उठे। लेकिन कैमरों के सामने आते ही उन्होंने वही पुरानी मुस्कान बिखेरी और कहा—
“अभी बहुत दम है, बहुत जान रखता हूँ… आंख में तकलीफ है, पर फैंस को लव यू।”
एक ऐसा कलाकार, जिसने हर भूमिका में जान डाल दी
धर्मेंद्र सिर्फ़ पर्दे के सितारे नहीं थे, वह भावनाओं से भरे एक सच्चे इंसान थे।
उनके किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं—
- ‘शोले’ का वीरू
- ‘चुपके चुपके’ का प्रोफेसर परिमल
- ‘धरम वीर’, ‘अनुपमा’, ‘सत्यकाम’, और सैकड़ों अविस्मरणीय भूमिकाएँ

दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का 89 वर्ष की उम्र में निधन
किसान का सादापन, सैनिक की देशभक्ति, या प्रेमी का दिल—धर्मेंद्र ने हर किरदार में अपनी आत्मा डाल दी।
उन्हें पर्दे पर “ही-मैन ऑफ बॉलीवुड” कहा जाता था, लेकिन असल ज़िंदगी में वे बेहद विनम्र और धरती से जुड़े इंसान थे।
कला से भरा जीवन, पाँच दशक की विरासत
8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना ज़िले के साहनेवाल गाँव में जन्मे धर्मेंद्र ने 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से शुरुआत की।
इसके बाद उन्होंने करीब 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और दर्शकों के दिलों पर राज किया।
भारत सरकार उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित कर चुकी है।
उनकी आने वाली अंतिम फिल्म ‘इक्कीस’ 25 दिसंबर 2025 को रिलीज़ होगी, जिसे अब फैंस एक श्रद्धांजलि की तरह देखेंगे।
देशभर में शोक, फिल्म जगत ने दी श्रद्धांजलि
धर्मेंद्र के निधन ने भारतीय सिनेमा में एक ऐसा खालीपन छोड़ दिया है जिसे भरना असंभव है।
सोशल मीडिया पर सितारे, प्रशंसक और सिनेमा प्रेमी लगातार भावुक संदेश साझा कर रहे हैं।
उनकी सरलता, गर्मजोशी और दिल में बस जाने वाली मुस्कान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।


