उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां दुल्हन शादी के मात्र 20 मिनट बाद ही ससुराल छोड़कर अपने मायके लौट गई। आरोप था कि ससुराल वालों का व्यवहार ‘अमित्रतापूर्ण’ था। घटना ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है, जहां लोग इसे साहसिक कदम से लेकर विवाह को मज़ाक बनाने तक अलग-अलग नजरिये से देख रहे हैं।
मुख्य तथ्य
- शादी 25 नवंबर को धूमधाम से हुई, अगले दिन दुल्हन ससुराल पहुंची।
- ‘दूल्हा चेहरा दिखाई’ रस्म के दौरान दुल्हन ने रस्म रुकवाई और मायके बुलाने की मांग की।
- 20 मिनट बाद दुल्हन ने ससुराल में रहने से इंकार किया।
- 5 घंटे की पंचायत के बाद दोनों परिवारों ने आपसी सहमति से विवाह समाप्त किया।
- पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन कोई केस दर्ज नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक बेहद असामान्य घटना सामने आई है, जिसने लोगों में जिज्ञासा और बहस दोनों पैदा कर दी है। 25 नवंबर को धूमधाम से हुई शादी अगले ही दिन टूट गई—वह भी तब जब दुल्हन ससुराल पहुंचने के 20 मिनट के भीतर ही वहां से वापस लौटने का फैसला कर बैठी।
रिपोर्ट के अनुसार, दुल्हन 26 नवंबर को ससुराल पहुंची थी, जहां परिवार और पड़ोसियों की मौजूदगी में ‘दूल्हा चेहरा दिखाई’ की रस्म चल रही थी। वहीं अचानक दुल्हन ने रस्म के बीच में ही रोक लगाई और जोर देकर कहा कि उसके माता-पिता को तुरंत बुलाया जाए।
परिवार वालों ने पहले इसे सामान्य झिझक या घबराहट समझा, लेकिन दुल्हन का रवैया लगातार सख्त बना रहा। बताया गया कि दुल्हन को ससुराल वालों का व्यवहार “अमित्रतापूर्ण” लगा और इसी वजह से उसने यहीं पर फैसला किया कि वह इस घर में नहीं रह सकती।
परिवारों की तमाम कोशिशें नाकाम
दूल्हे और उसके परिवार ने उसे समझाने की कोशिश की। कुछ देर बाद दुल्हन के माता-पिता भी पहुंच गए। उन्होंने भी बेटी को समझाने का प्रयास किया, लेकिन दुल्हन अपने फैसले पर अडिग रही और ससुराल में रहने से साफ इनकार कर दिया।
तनाव बढ़ता गया और हालात ऐसे बने कि गांव में पंचायत बुलानी पड़ी। पांच घंटे चली चर्चा के बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से विवाह को खत्म करने का निर्णय लिया। शादी में दिए गए सभी सामान और उपहार आपस में वापस कर दिए गए।
पुलिस को सूचना, लेकिन कोई विवाद नहीं
मामले की सूचना Dial 112 पर दी गई, हालांकि इस घटना ने पुलिस केस का रूप नहीं लिया।
भलुआनी थाना प्रभारी प्रदीप पांडेय ने बताया—
“दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से अलग होने का निर्णय लिया। मामला शांतिपूर्वक पंचायत में ही निपट गया।”
सोशल मीडिया पर बहस—‘साहसिक कदम’ या ‘विवाह का मज़ाक’?
जैसे ही यह खबर इंटरनेट पर पहुंची, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
कुछ यूज़र्स ने दुल्हन के फैसले को सही ठहराया।
एक यूज़र ने लिखा—
“कई साल एडजस्टमेंट में जिंदगी खराब करने से अच्छा है कि शुरुआत में ही फैसला ले लिया।”
दूसरी ओर कुछ ने इस कदम को गैर-जिम्मेदाराना बताया।
एक टिप्पणी आई—
“इन्हें और इनके परिवार को जुर्माना होना चाहिए। लोग शादी को मजाक और एस्केप रूट बनाते जा रहे हैं।”
तीसरे यूज़र ने कहा—
“सोचने वाली बात है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि दुल्हन ने तुरंत शादी खत्म कर दी?”
यह घटना आधुनिक रिश्तों, अपेक्षाओं और परिवार की सामाजिक संरचना पर भी सवाल खड़े करती है। जहां कई लोग इसे “साहसिक फैसला” मानते हैं, वहीं कुछ इसे रिश्तों की अस्थिरता का उदाहरण बताते हैं।


