अरबपति परिवार में परवरिश पर बोलीं बिल गेट्स की बेटी फोएबे

फोएबे गेट्स ने माना विशेषाधिकार, कहा– माता-पिता मेरी नींव हैं

Virat
Virat
By
4 Min Read
बिल गेट्स और बेटी फोएबे

दुनिया के सबसे चर्चित अरबपतियों में शामिल बिल गेट्स की सबसे छोटी बेटी फोएबे गेट्स ने हाल ही में अपनी परवरिश और पहचान पर खुलकर बात की।
उन्होंने ईमानदारी से स्वीकार किया कि संपन्न परिवार में जन्म लेने से उन्हें ऐसे अवसर मिले, जो ज़्यादातर लोगों को नहीं मिलते—और यही सच स्वीकार करना उनकी ज़िम्मेदारी भी है।

मुख्य तथ्य

  • फोएबे गेट्स ने अपने विशेषाधिकार को बिना झिझक स्वीकार किया
  • पढ़ाई के खर्च और अवसरों को लेकर कभी संघर्ष नहीं करना पड़ा
  • पहचान की तलाश में “बिल गेट्स की बेटी” होने का दबाव झेला
  • 2024 में स्टैनफोर्ड से पढ़ाई पूरी, सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय
  • फैशन-टेक स्टार्टअप के साथ स्वतंत्र करियर की दिशा

विशेषाधिकार को नकारा नहीं, स्वीकार किया

फोएबे गेट्स का कहना है कि उन्होंने कभी यह दिखावा नहीं किया कि उनकी ज़िंदगी सामान्य परिस्थितियों जैसी थी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कॉलेज की पढ़ाई के खर्च, संसाधन या अवसरों को लेकर उन्हें कभी वह चिंता नहीं करनी पड़ी, जो आम तौर पर छात्रों को होती है। उनके मुताबिक, यह सब उनके माता-पिता के सहयोग और सुरक्षा की वजह से संभव हुआ। फोएबे मानती हैं कि इस सच्चाई को स्वीकार करना ही ईमानदारी है, क्योंकि इससे जिम्मेदारी का बोध आता है।

नाम के साथ आने वाला दबाव     

हालांकि सुविधाएं बहुत थीं, लेकिन “बिल गेट्स की बेटी” होने के साथ भावनात्मक जटिलताएं भी आईं। फोएबे ने बताया कि कम उम्र में ही उन्हें यह समझना पड़ा कि कौन सच्चा दोस्त है और कौन केवल नाम या पहचान के कारण करीब आना चाहता है। इस अनुभव ने उन्हें सीमाएं तय करना और अपने रिश्तों में सच्चाई पहचानना सिखाया। उनका मानना है कि यह सीख उन्हें बहुत जल्दी मिल गई, जो आगे की ज़िंदगी में काम आई।

माता-पिता को मानती हैं आधार

फोएबे ने अपने माता-पिता को अपनी नींव बताया। उनका कहना है कि अगर उन्हें ऐसा मजबूत पारिवारिक सहारा नहीं मिला होता, तो शायद वे उन अनुभवों तक नहीं पहुंच पातीं, जिन्होंने उनकी सोच और दृष्टि को आकार दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी परवरिश को किसी कठिनाई के रूप में नहीं देखतीं, बल्कि एक सौभाग्य मानती हैं—जिसके साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी है।

पढ़ाई, पहचान और सामाजिक सरोकार

23 वर्षीय फोएबे ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से 2024 में पढ़ाई पूरी की। उनकी शिक्षा का केंद्र मानव जीवविज्ञान रहा, साथ ही अफ्रीकी अध्ययन में भी उनकी रुचि रही। यह अकादमिक पृष्ठभूमि महिलाओं के स्वास्थ्य, प्रजनन अधिकार और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर उनके काम से जुड़ी है। उन्होंने लेखन और सार्वजनिक मंचों के ज़रिए लैंगिक समानता, ऑनलाइन उत्पीड़न और युवा महिलाओं पर पड़ने वाले दबावों पर आवाज़ उठाई है।

उद्यमिता और स्वतंत्र राह

फोएबे केवल अपने परिवार की पहचान तक सीमित नहीं रहना चाहतीं। उन्होंने टिकाऊ फैशन और तकनीक को जोड़ने वाला एक मंच शुरू किया है, जिसका उद्देश्य नैतिक डिज़ाइन और पर्यावरण-अनुकूल खरीदारी को बढ़ावा देना है। इसके साथ-साथ वे आर्थिक असमानता, लड़कियों की शिक्षा और नस्लीय ट्रोलिंग जैसे विषयों पर भी खुलकर बोलती हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि परोपकार की पारिवारिक सोच के चलते वे बड़ी विरासत की अपेक्षा नहीं रखतीं और अपना स्वतंत्र करियर बनाना चाहती हैं—अपने विशेषाधिकार को स्वीकार करते हुए।

 

Share This Article
Leave a Comment