AI क्रांति पर बोलीं Accenture CEO जूली स्वीट: “कंपनी को फिर से रीवायर करना होगा”

Accenture CEO जूली स्वीट ने कहा—AI का असली फायदा तभी जब कंपनियां खुद को पूरी तरह रीवायर करें। जानिए उनकी पूरी रणनीति।

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Accenture CEO जूली स्वीट का AI पर बड़ा बयान

Accenture की पहली महिला CEO जूली स्वीट ने Fortune पॉडकास्ट में कहा—AI का असली फायदा तभी मिलेगा जब कंपनियां पुराने तरीकों को छोड़कर खुद को पूरी तरह बदलेंगी।

AI (Artificial Intelligence) आज हर बिज़नेस का चेहरा बदल रहा है। लेकिन Accenture की CEO और चेयरपर्सन जूली स्वीट का मानना है कि इसका सही इस्तेमाल तभी होगा जब कंपनियां अपने पारंपरिक तरीकों को छोड़कर खुद को दोबारा रीवायर करने की हिम्मत दिखाएँ। Fortune के नए पॉडकास्ट Titans and Disruptors of Industry में उन्होंने अपने अनुभव और चुनौतियाँ साझा कीं।

मुख्य तथ्य

  • Accenture ने डेटा और AI प्रैक्टिस में 3 अरब डॉलर का निवेश किया है।
  • कंपनी अपने वर्कफोर्स में 80,000 नए AI विशेषज्ञ जोड़ रही है।
  • 2025 वित्तीय वर्ष में ही 2,000 से ज्यादा जनरेटिव AI प्रोजेक्ट पूरे किए।
  • जूली स्वीट ने चेताया: “पुराने प्रोसेस और अनावश्यक सहयोग (Collaboration) AI अपनाने में सबसे बड़ी रुकावट हैं।”
  • उनका संदेश: AI को सतही स्तर पर नहीं, बल्कि बिज़नेस के मूल में अपनाना ज़रूरी है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तेज़ी से बढ़ती लहर ने न केवल टेक इंडस्ट्री बल्कि दुनिया भर की कंपनियों के संचालन के तरीके को बदल दिया है। लेकिन Accenture की CEO जूली स्वीट का मानना है कि केवल AI को अपनाना ही काफी नहीं है, बल्कि कंपनियों को अपने ढांचे और सोच को पूरी तरह से बदलना होगा।

जूली स्वीट, जो Accenture की पहली महिला CEO और चेयर ऑफ द बोर्ड हैं, ने हाल ही में Fortune की नई पॉडकास्ट सीरीज़ में कहा कि कई कंपनियां AI से बड़ा फायदा नहीं उठा पा रही हैं क्योंकि वे इसे पुरानी प्रक्रियाओं पर थोपने की कोशिश करती हैं। उन्होंने साफ कहा—“अगर आप अपने ऑपरेटिंग मॉडल को बदले बिना AI को जोड़ते हैं, तो असली वैल्यू कभी नहीं मिलेगी।”

Accenture CEO जूली स्वीट का AI पर बड़ा बयान
Accenture CEO जूली स्वीट का AI पर बड़ा बयान

AI अपनाने में जूली स्वीट के चेतावनी संकेत

स्वीट ने तीन प्रमुख “रेड फ्लैग” बताए जिनसे कंपनियों को बचना चाहिए:

  1. पुरानी प्रक्रियाओं पर भरोसा करना: AI प्रोजेक्ट्स को पुराने क्रॉस-फंक्शनल कमेटियों या लेगसी प्रोसेस से चलाना सबसे बड़ी गलती है।
  2. अनावश्यक सहयोग पर समय बर्बाद करना: AI अपनाने के नाम पर सिर्फ मीटिंग्स और चर्चा बढ़ाना किसी रणनीति का हिस्सा नहीं है।
  3. अव्यावहारिक प्रोजेक्ट्स में कूदना: सिर्फ रिपोर्ट समरी या प्रेजेंटेशन बनाने जैसे छोटे कामों में AI इस्तेमाल करना कंपनी की बॉटम लाइन पर असर नहीं डालेगा।

उनका कहना है कि असली बदलाव तभी आएगा जब कंपनियां AI को अपने “कोर बिज़नेस” में उतारें और इसे राजस्व व विकास से जोड़ें।

Accenture की रणनीति

Accenture ने खुद को बदलते दौर के लिए तैयार कर लिया है। कंपनी ने डेटा और AI प्रैक्टिस में 3 अरब डॉलर का निवेश किया है और 80,000 नए AI प्रोफेशनल्स को अपनी टीम में शामिल करने की योजना बनाई है। FY2025 में ही कंपनी ने 2,000 से ज्यादा जनरेटिव AI प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं।

स्वीट का कहना है कि अब कंपनियों को “सतही AI प्रयोगों” से बाहर निकलकर अपनी पूरी रणनीति बदलनी होगी। “यह सिर्फ टॉप लेयर पर AI लगाने का मामला नहीं है, बल्कि पूरे बिज़नेस को रीवायर करने का वक्त है,” उन्होंने कहा।

SOURCES:Fortune
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