भारत ने अंतरराष्ट्रीय खेलों की दुनिया में एक बार फिर इतिहास रच दिया है। 2030 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) की मेज़बानी अब अहमदाबाद करेगा। यह फैसला भारत की 2036 ओलंपिक बोली को मज़बूत करने वाला माना जा रहा है, जो खेल अवसंरचना और आयोजन क्षमता में भारत की परिपक्वता को दर्शाता है।
मुख्य तथ्य
- 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी अहमदाबाद करेगा।
- यह कॉमनवेल्थ गेम्स की 100वीं वर्षगांठ (centenary edition) होगी।
- भारत ने आखिरी बार 2010 में दिल्ली में CWG की मेज़बानी की थी।
- अमित शाह ने इसे “भारत के लिए गर्व का दिन” बताया।
- यह आयोजन भारत की 2036 ओलंपिक बोली को मज़बूती देगा।
भारत के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी गुजरात की राजधानी अहमदाबाद को सौंपी गई है। यह फैसला न सिर्फ भारत के खेल अवसंरचना में आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए देश के सपने को भी नई उड़ान देता है।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स फेडरेशन की कार्यकारी समिति ने बुधवार को अहमदाबाद को “प्रस्तावित मेज़बान शहर” के रूप में चुना। अब इस सिफारिश को औपचारिक मंज़ूरी के लिए नवंबर में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में होने वाली महासभा में रखा जाएगा। यह आयोजन कॉमनवेल्थ गेम्स की 100वीं वर्षगांठ भी होगा, जिससे इसकी ऐतिहासिक अहमियत और बढ़ जाती है।
अतीत की गलतियों से सीख
भारत ने आखिरी बार 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी की थी, लेकिन उस दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों और अव्यवस्था ने छवि पर दाग छोड़ा था। इस बार, केंद्र सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने साफ संकेत दिया है कि “नई पीढ़ी का भारत” पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और समयबद्ध प्रोजेक्ट प्रबंधन के साथ दुनिया को अपनी क्षमता दिखाएगा।
सरकार और खेल संघ की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले को “भारत के लिए गर्व और आनंद का दिन” बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना तैयार करके भारत को खेल गंतव्य (sports destination) बना दिया है।”

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी. टी. ऊषा ने कहा कि यह आयोजन न सिर्फ भारत की आयोजन क्षमता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि “विकसित भारत 2047” की दिशा में एक मजबूत कदम होगा। उनके मुताबिक, “2030 के खेल हमारे युवाओं को प्रेरित करेंगे और राष्ट्रों के बीच साझेदारी को मज़बूत करेंगे।”
प्रतिस्पर्धा और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
अहमदाबाद और नाइजीरिया की राजधानी अबुजा इस आयोजन के लिए मुख्य दावेदार थे। लेकिन अहमदाबाद की तकनीकी तैयारी, स्थायी अवसंरचना और सरकार की प्रतिबद्धता ने उसे बढ़त दिलाई। दिलचस्प बात यह है कि भारत का प्रतिद्वंद्वी दोहा (क़तर) भी 2036 ओलंपिक बोली में शामिल है और 2030 एशियाई खेलों की मेज़बानी करेगा।
IOA के एक अधिकारी ने बताया, “हम 2030 के CWG को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं ताकि दुनिया को यह दिखाया जा सके कि भारत अब एक भरोसेमंद मेज़बान देश बन चुका है।”
नारनपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और विश्वस्तरीय तैयारी
अहमदाबाद में हाल ही में उद्घाटन हुआ नारनपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिसकी लागत ₹825 करोड़ रही, इन खेलों का मुख्य स्थल होगा। इसके अलावा, सरदार वल्लभभाई पटेल एनक्लेव और नरेंद्र मोदी स्टेडियम भी प्रमुख आयोजन स्थलों में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स मुख्य रूप से अहमदाबाद और गांधीनगर में आयोजित होंगे।
भविष्य की दृष्टि और 2036 ओलंपिक बोली
भारत के लिए यह आयोजन केवल एक खेल महोत्सव नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर “आयोजन विश्वसनीयता” साबित करने का माध्यम है। 2030 के CWG से पहले ही 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के फैसले की घोषणा होने की संभावना है, ऐसे में भारत के लिए यह आयोजन “परीक्षा” से कम नहीं।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स कमेटी ने अपने बयान में कहा कि अहमदाबाद की सिफारिश तकनीकी निष्पादन, खिलाड़ी अनुभव, अवसंरचना, शासन और कॉमनवेल्थ मूल्यों के अनुरूपता पर आधारित है।


