दुनिया की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न ने अपने कॉर्पोरेट सेक्टर में बड़ा फेरबदल करते हुए 14,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है। यह कदम दर्शाता है कि AI (Artificial Intelligence) सिर्फ फैक्ट्री के कामगारों को नहीं बल्कि अब मिडिल मैनेजमेंट जैसी वाइट-कॉलर नौकरियों को भी प्रभावित कर रहा है।
मुख्य तथ्य
- अमेज़न ने 14,000 कॉर्पोरेट कर्मचारियों की छंटनी की — कुल वाइट-कॉलर वर्कफोर्स का लगभग 4%।
- कंपनी का लक्ष्य है “ब्यूरोक्रेसी घटाना” और “ऑर्गनाइजेशन को फ्लैट बनाना”।
- यह निर्णय ऐसे समय आया है जब जनरेटिव AI कई मैनेजमेंट कार्य संभालने में सक्षम हो रहा है।
- CEO एंडी जस्सी ने पहले ही कहा था — “AI से कुछ नौकरियों की जरूरत कम होगी।”
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 में अब तक 4 लाख से ज्यादा नौकरियां खत्म हुई हैं, जिनमें 17,000 सीधे AI से जुड़ी हैं।
अमेज़न ने मंगलवार को घोषणा की कि वह अपने 14,000 कॉर्पोरेट कर्मचारियों को नौकरी से हटाने जा रहा है, जो उसकी कुल वाइट-कॉलर वर्कफोर्स का लगभग 4 प्रतिशत है। कंपनी ने इसे “ब्यूरोक्रेसी घटाने” और “ऑर्गनाइजेशनल लेयर हटाने” की प्रक्रिया का हिस्सा बताया।
कंपनी की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बेथ गैलेटी ने कहा कि यह फैसला अमेज़न को “और अधिक लचीला और AI-केंद्रित” बनाने के लिए लिया गया है।
CEO एंडी जस्सी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जनरेटिव AI अब कंपनी की कई आंतरिक प्रक्रियाओं को तेज और अधिक कुशल बना रहा है। जस्सी ने कहा था, “हम कुछ ऐसे कामों के लिए कम लोगों की जरूरत महसूस कर रहे हैं जो अब तक इंसान करते थे।”
दरअसल, AI ने अब उन कार्यों को भी आसान बना दिया है जिन्हें पारंपरिक रूप से मैनेजर संभालते थे — जैसे रिपोर्ट तैयार करना, डेटा विश्लेषण करना, और टीम मीटिंग का सारांश बनाना।
इसी वजह से अमेज़न जैसे दिग्गज अब “फ्लैटर हायरार्की” की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जहां निर्णय प्रक्रिया में मशीनों की भूमिका बढ़ेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम केवल अमेज़न तक सीमित नहीं रहेगा। गार्टनर (Gartner) की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक हर पांच में से एक कंपनी अपने आधे मैनेजमेंट लेयर को AI के माध्यम से समाप्त कर देगी। यह बदलाव युवाओं के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो मिडिल मैनेजमेंट करियर ग्रोथ की ओर बढ़ रहे हैं।
दूसरी ओर, फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने चेताया है कि अमेरिका में हायरिंग की रफ्तार “स्पष्ट रूप से धीमी” हो रही है। यह “लो-हायर, लो-फायर” युग का संकेत है — जहां कंपनियां भर्ती करने से झिझक रही हैं, जबकि विकास जारी है।
एयरबीएनबी के CEO ब्रायन चेस्की ने भी कहा, “जब लोग अधिक उत्पादक हो जाते हैं, तो कंपनियों को अधिक लोगों की जरूरत नहीं होती।”
इसी सोच के चलते टारगेट और पैरामाउंट जैसी कंपनियां भी हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं।
चैलेंजर, ग्रे एंड क्रिसमस रिपोर्ट (अक्टूबर 2025) के अनुसार, इस साल अब तक 9.46 लाख नौकरियां खत्म हो चुकी हैं, जिनमें 17,000 सीधे AI और 20,000 ऑटोमेशन से जुड़ी हैं। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2025 के अंत तक यह आंकड़ा 1 मिलियन से पार जा सकता है — जो 2020 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा होगा।
यह स्पष्ट है कि AI सिर्फ ब्लू-कॉलर नौकरियों का नहीं, बल्कि अब वाइट-कॉलर सेक्टर का भी चेहरा बदल रहा है। आने वाले वर्षों में यह प्रवृत्ति कॉर्पोरेट संरचना को “फ्लैट” बना सकती है — जहां इंसानी प्रबंधन की जगह एल्गोरिद्म और डेटा-ड्रिवन निर्णय लेंगे।


