Zoho द्वारा समर्थित भारतीय मैसेजिंग ऐप Arattai ने 7.5 मिलियन डाउनलोड का आंकड़ा पार कर लिया है। हाल के दिनों में यह ऐप सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड कर रहा है, जहां नेताओं, उद्योगपतियों और यूज़र्स ने इसे “Made in India” विकल्प के रूप में अपनाने की अपील की है। WhatsApp समूहों तक में अब Arattai को लेकर चर्चा जोरों पर है।
मुख्य तथ्य
- Zoho समर्थित Arattai ऐप के 5 मिलियन डाउनलोड पूरे हुए।
- ऐप को Google Play Store और Apple App Store दोनों पर मिली बड़ी प्रतिक्रिया।
- केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान ने की सार्वजनिक सराहना।
- आनंद महिंद्रा ने कहा—“Downloaded @Arattai today… With pride.”
- ऐप को Zoho के फाउंडर स्रीधर वेंबू ने भारतीय तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया।
Zoho के स्वामित्व वाला भारतीय चैटिंग ऐप Arattai (तमिल में अर्थ—‘मौज-मस्ती भरी बातचीत’) ने देशभर में तहलका मचा दिया है। कंपनी ने बताया कि 3 अक्टूबर 2025 तक ऐप के 7.5 मिलियन डाउनलोड पूरे हो चुके हैं, जो किसी भी भारतीय ऐप के लिए हाल के वर्षों में सबसे तेज़ ग्रोथ में से एक है।
Arattai के इस उभार के पीछे सोशल मीडिया पर चल रहे “स्वदेशी ऐप अपनाओ” अभियान का बड़ा हाथ है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान जैसे नेताओं ने खुले तौर पर इस ऐप को बढ़ावा दिया। इतना ही नहीं, व्हाट्सऐप ग्रुप्स में भी यूज़र्स एक-दूसरे को Arattai डाउनलोड करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
Zoho के संस्थापक और मुख्य वैज्ञानिक स्रीधर वेंबू ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हमारी टीम ने पिछले 5 सालों तक बिना किसी चर्चा के कड़ी मेहनत की है। अब जब सफलता मिली है, तो भी हमें न तो प्रशंसा और न ही आलोचना से विचलित होना चाहिए।” उन्होंने बताया कि Arattai के पीछे का मैसेजिंग और AV फ्रेमवर्क Zoho द्वारा पिछले 15 वर्षों से विकसित किया जा रहा है, जो तेज़, सुरक्षित और स्थिर अनुभव देता है।
वेंबू ने कहा कि यह फ्रेमवर्क कई सर्वरों और डेटाबेस के बीच लोड को बांटने में सक्षम है, जिससे ऐप में न सिर्फ बेहतर परफॉर्मेंस, बल्कि फॉल्ट टॉलरेंस और सिक्योरिटी भी मिलती है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले महीनों में Arattai में और कई इनोवेशन देखने को मिलेंगे।
इस बीच, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने X पर पोस्ट किया—“Downloaded @Arattai today… with pride.” इस पर वेंबू ने जवाब देते हुए लिखा, “हमारी टीम के लिए यह बहुत बड़ा प्रोत्साहन है।” इस संवाद ने सोशल मीडिया पर नया जोश भर दिया, और ऐप को लेकर लोगों में उत्साह बढ़ गया।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के टरन पाठक का कहना है कि यह ट्रेंड सिर्फ एक “वायरल लहर” नहीं बल्कि एक दीर्घकालिक परिवर्तन है। उन्होंने कहा, “भारत को साइबर सुरक्षा, AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनना होगा—Arattai जैसे ऐप इसी दिशा में कदम हैं।”
वहीं, टेकआर्क के संस्थापक फैसल कवूसा ने कहा कि MSME सेक्टर अभी भी कीमतों को लेकर संवेदनशील है, लेकिन अगर सरकार टैक्स इंसेंटिव जैसी नीतियाँ लाती है, तो लोकल सॉफ्टवेयर अपनाने की रफ्तार और तेज़ हो सकती है।
Arattai की सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारत अब “आत्मनिर्भर टेक्नोलॉजी युग” की ओर कदम बढ़ा रहा है—जहाँ यूज़र सिर्फ यूज़र नहीं, बल्कि स्थानीय इनोवेशन के प्रमोटर भी हैं।


