Australia में 16 साल से कम बच्चों पर Social Media Ban: अब क्या होगा?

दुनिया का पहला ऐसा क़ानून, लाखों अकाउंट होंगे बंद; Facebook, Instagram, TikTok जैसी कंपनियों पर करोड़ों का जुर्माना

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Australia का Social Media Ban: Under-16 अकाउंट हटेंगे

Australia ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों को social media प्लेटफ़ॉर्म इस्तेमाल करने से रोकने वाला दुनिया का पहला क़ानून लागू कर दिया है। 10 दिसंबर से Facebook, Instagram, TikTok, Snapchat और YouTube जैसे प्लेटफ़ॉर्म को नाबालिगों के अकाउंट हटाने होंगे—वरना भारी जुर्माना लगेगा। सरकार का दावा है कि यह क़दम बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य नुकसान, गलत जानकारी, body image दबाव, साइबरबुलिंग और अन्य जोखिमों से बचाने के लिए ज़रूरी है।

मुख्य तथ्य

  • 10 दिसंबर से 1 मिलियन से अधिक नाबालिगों के अकाउंट हटाए जाएंगे।
  • Social media कंपनियों पर करीब ₹240 करोड़ (AU$49.5 million) तक का जुर्माना लग सकता है।
  • Ban में Facebook, Instagram, TikTok, Snapchat, YouTube सहित 10+ प्लेटफ़ॉर्म शामिल।
  • YouTube Kids, Google Classroom, WhatsApp को छूट दी गई है।
  • क़ानून का मकसद—mental health बचाना, pornographic और harmful content से रोकना, साइबरबुलिंग खत्म करना

Australia ने 2024 में पास किया गया historic Online Safety Amendment अब पूरी तरह लागू कर दिया है। इसके तहत 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को social media प्लेटफ़ॉर्म पर अकाउंट रखने की अनुमति नहीं होगी। अनुमान है कि 10 दिसंबर से लागू होते ही लगभग 10 लाख (1 million) अकाउंट तुरंत deactivate कर दिए जाएंगे।

सरकार का कहना है कि बच्चों के mental health पर social media का नकारात्मक असर लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का दावा है कि Instagram और TikTok जैसी ऐप्स बच्चों में असुरक्षा, चिंता, डिप्रेशन और अवास्तविक जीवनशैली की तुलना को बढ़ावा देती हैं। कुछ अध्ययन बताते हैं कि लंबी अवधि तक social media पर रहने वाले किशोरों में psychological stress 27% तक बढ़ गया है।

Social Media बच्चों के लिए कितना ख़तरनाक?

ऊपर-ऊपर देखने पर Instagram या TikTok harmless लगते हैं, लेकिन असलियत अलग है। Influencers की ग्लैमर लाइफ दिखाने वाले posts बच्चों को “perfect दिखने” के दबाव में डालते हैं।

  • छोटे बच्चे cosmetic procedures तक करवा रहे हैं
  • Influencers झूठी lifestyle दिखा कर बच्चों को प्रभावित करते हैं
  • कई अकाउंट drugs बेचने और pornographic content फैलाने के लिए इस्तेमाल होते हैं
  • LGBTQ समुदाय के बच्चे ऑनलाइन hate और bullying का बड़ा शिकार बने हैं

Lancet के एक अध्ययन में पाया गया कि दिन में 7 घंटे से ज्यादा social media इस्तेमाल करने वाले teens में depression का खतरा दोगुना होता है।

Australia सरकार के अनुसार, अब बच्चों को इस डिजिटल खतरे से बचाना राष्ट्रीय प्राथमिकता है।

Australia का Social Media Ban: क्या बदलने वाला है?

New law के लागू होते ही Instagram, TikTok, Facebook, Snapchat और YouTube जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर 16 साल से कम उम्र वाले सभी अकाउंट अपने आप हटाए या block कर दिए जाएंगे।

क़ानून कहता है—

  • कंपनियों को age verification लागू करना होगा
  • सिर्फ़ ID मांगने जैसी single method age verification नहीं होगी
  • अगर प्लेटफ़ॉर्म नियमों का पालन नहीं करते, उन्हें AU$49.5 million तक का जुर्माना लगेगा
  • बच्चों या माता-पिता पर कोई दंड नहीं लगाया जाएगा
  • प्लेटफ़ॉर्म को “reasonable steps” उठाने होंगे ताकि नाबालिग अकाउंट न बना सकें

सरकार ने साफ किया है—अगर बच्चे bypass करने की कोशिश करेंगे (fake age डालकर), तो भी प्लेटफ़ॉर्म को पहचान कर हटाना होगा।

कौन से प्लेटफ़ॉर्म banned हैं, कौन exempt?

Banned Platforms

  • Facebook
  • Instagram
  • TikTok
  • Snapchat
  • YouTube
  • Reddit
  • X
  • Twitch
  • Threads
  • Kick

Exempt Platforms

  • YouTube Kids
  • Google Classroom
  • WhatsApp
  • LinkedIn
  • Pinterest (excluded)

Gaming प्लेटफ़ॉर्म Roblox और Discord पहले डर गए थे कि उन पर भी ban लगेगा, इसलिए उन्होंने नई age-check features जोड़ दिए।

यह Ban कैसे लागू होगा?

क़ानून कंपनियों को target करता है, बच्चों को नहीं।

  • Age verification के लिए कंपनियां selfie-based अनुमान, bank verification या AI analysis जैसी तकनीक इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • Platforms को बारंबार age check करना होगा।
  • Underage user मिलने पर तुरंत removal ज़रूरी।

Meta ने कहा है कि वह 4 दिसंबर से ही under-16 users को हटाना शुरू कर देगा।

कानूनी चुनौतियाँ और विरोध

ये law Australia में काफी विवाद खड़ा कर चुका है।

बच्चों की तरफ़ से भी challenge

दो 15 वर्षीय teenagers—Noah Jones और Macy Neyland—ने High Court में याचिका दायर की है, यह दावा करते हुए कि:

  • बच्चों को पूरी तरह ban करना गलत है
  • असली समस्या harmful content है, प्लेटफ़ॉर्म नहीं

Tech कंपनियों का विरोध

Meta और Google जैसे tech giants ने कहा कि यह नियम उनकी growth रोक देता है।
यहां तक कि powerful US lobby groups ने Donald Trump से कहा कि वह Australia पर दबाव डालें।

Experts की चिंता

  • बच्चे fake age डालकर ban को bypass कर सकते हैं
  • उन्हें online community से अलग कर देना mental harm पैदा कर सकता है

अन्य देश क्या कर रहे हैं?

Australia दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने outright under-16 ban लगाया है, लेकिन कई देश इसके मॉडल को कॉपी करने की तैयारी में हैं।

  • New Zealand: Australia जैसा कानून लाने पर विचार
  • Denmark: 15 साल से कम उम्र के बच्चों पर social media ban की तैयारी
  • Indonesia: युवा उपयोगकर्ताओं पर कड़े नियम लाने पर काम कर रहा
  • UK: Online Safety Act के तहत बच्चों को harmful content से बचाने के लिए कड़े age checks
  • USA: COPPA के तहत 13 साल से कम बच्चों की privacy सुरक्षा

India में अभी ऐसा कोई ban नहीं है, लेकिन Digital Personal Data Protection कानून में 18 साल से कम उम्र के लिए “parental consent” अनिवार्य है।

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