गोवा के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान BITS पिलानी गोवा कैंपस से एक बार फिर चिंताजनक खबर आई है। गुरुवार को एक दूसरे वर्ष के छात्र का शव हॉस्टल रूम में पाया गया, जिससे परिसर में सनसनी फैल गई। यह पिछले 10 महीनों में पांचवीं मौत है, जिसने छात्रों, अभिभावकों और राजनीतिक दलों को चिंता में डाल दिया है।
मुख्य तथ्य
- मृतक छात्र MSc फिजिक्स (इंटीग्रेटेड प्रोग्राम) का विद्यार्थी था।
- शव हॉस्टल रूम में बिस्तर पर मिला, कोई चोट के निशान नहीं।
- छात्र को एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां दी गई थीं, साथी की कुछ माह पहले आत्महत्या से हुई थी मौत।
- पिछले 10 महीनों में पांच छात्रों की संदिग्ध मौतें दर्ज।
- गोवा सरकार ने जांच समिति गठित की, विपक्ष ने “सिस्टमेटिक लापरवाही” का आरोप लगाया।
गोवा पुलिस के मुताबिक, छात्र का शव हॉस्टल रूम में बिस्तर पर मिला और शरीर पर किसी प्रकार की चोट नहीं थी। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने कहा है कि यह आत्महत्या का मामला है या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस को कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि मृतक छात्र का साथी कुछ माह पहले हैदराबाद में आत्महत्या कर चुका था और परिवार हाल ही में गोवा शिफ्ट हुआ था। छात्र ने पिछले वर्ष BITS हैदराबाद कैंपस में एडमिशन लिया था, लेकिन 2025 में गोवा कैंपस में ट्रांसफर लेकर MSc फिजिक्स प्रोग्राम में दाखिला लिया।
घटना की सूचना दोपहर करीब 12 बजे मिली। जब छात्र ने अपने माता-पिता की कॉल रिसीव नहीं की, तो परिवार ने हॉस्टल प्रशासन को सूचित किया। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में एक और छात्र अपने हॉस्टल रूम में मृत पाया गया था। मई में लगातार तीन आत्महत्या के मामलों के बाद संस्थान ने एक आंतरिक जांच शुरू की थी। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने कई कदम उठाए थे, जिनमें काउंसलिंग सेवाओं का विस्तार, 24×7 हेल्पलाइन, साप्ताहिक साइकियाट्रिस्ट कंसल्टेशन और स्ट्रेस मैनेजमेंट कोर्स शामिल हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जो हालिया घटनाओं की जांच करेगी। समिति की रिपोर्ट आने के बाद रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
इस बीच, विपक्षी दलों ने इन मौतों को “सिस्टमेटिक लापरवाही” करार दिया है। कांग्रेस नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने कहा, “BITS पिलानी गोवा कैंपस में बढ़ती मौतें गंभीर चिंता का विषय हैं। सरकार और पुलिस को तत्काल कदम उठाने होंगे।” वहीं, गोवा फॉरवर्ड पार्टी प्रमुख विजई सरदेसाई ने कहा, “यह केवल घटनाएं नहीं हैं, बल्कि एक पैटर्न है। इतनी मौतें एक साल में होना प्रशासनिक और मानसिक स्वास्थ्य तंत्र की असफलता को दर्शाता है।”