क्लाउडफ्लेयर के सीईओ मैथ्यू प्रिंस ने मीडिया और इंटरनेट के भविष्य को लेकर कड़ा चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो दुनिया “Black Mirror” जैसी डिस्टोपियन हकीकत का सामना कर सकती है, जहां कुछ टेक अरबपति ही सूचना पर कब्जा कर लेंगे।
मुख्य तथ्य
- मैथ्यू प्रिंस ने कहा कि एआई कंपनियां मीडिया और रिसर्च संस्थानों को भूखा मरने पर मजबूर कर सकती हैं।
- प्रिंस ने सम आल्टमैन जैसे एआई नेताओं की तुलना मेडिसी परिवार से की, जो 1400 के दशक में सूचना पर हावी थे।
- Google पर आरोप: एक ही वेब क्रॉलर का उपयोग कर प्रकाशकों को “असंभव विकल्प” में धकेलना।
- Cloudflare ने बिना भुगतान के एआई क्रॉलर को वेबसाइट डेटा लेने से रोकने की व्यवस्था शुरू की।
- प्रिंस का दावा: अनोखा और खास कंटेंट अब पहले से ज्यादा कीमती है।
क्लाउडफ्लेयर के सह-संस्थापक और सीईओ मैथ्यू प्रिंस ने हाल ही में फॉर्च्यून ब्रेनस्टॉर्म टेक पैनल में बोलते हुए इंटरनेट के टूटते कारोबारी मॉडल को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एआई कंपनियां मीडिया को काबू में लेती हैं, तो भविष्य “Black Mirror” सीरीज की तरह डरावना हो सकता है।
प्रिंस ने कहा कि पहले गूगल इंटरनेट का सबसे बड़ा संरक्षक रहा है, जिसने सर्च ट्रैफिक के जरिए प्रकाशकों को सहारा दिया। लेकिन अब एआई आधारित “आंसर इंजन” इस ट्रैफिक को निगल रहे हैं, जिससे मीडिया और रिसर्च संस्थान आर्थिक संकट में फंस सकते हैं। उनका मानना है कि एक संभावित परिणाम यह हो सकता है कि संस्थान भूखे मरकर खत्म हो जाएं, या फिर सूचना का नियंत्रण कुछ गिने-चुने टेक अरबपतियों तक सिमट जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में सम आल्टमैन जैसे एआई नेता “अपना वर्शन” ऑफ एसोसिएटेड प्रेस या गार्टनर और फॉरेस्टर जैसे रिसर्च संस्थान खरीद सकते हैं। यह स्थिति 1400 के दशक के इटली की तरह होगी, जब मेडिसी परिवार ने अपार धन और सूचना दोनों पर नियंत्रण स्थापित कर रखा था।
इस संकट से बचने का समाधान बताते हुए प्रिंस ने कहा कि “एआई कंपनियों को कंटेंट के लिए भुगतान करना चाहिए।” क्लाउडफ्लेयर ने पहले ही ऐसी व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत एआई क्रॉलर को साइट्स से डेटा लेने से रोका जाता है, जब तक वे भुगतान न करें। पैनल में शामिल पीपल मैगज़ीन के सीईओ नील वोगल ने भी इस पहल को बेहद ज़रूरी बताया।
हालांकि खतरे की तस्वीर गंभीर है, लेकिन प्रिंस ने यह भी कहा कि भविष्य में कंटेंट क्रिएशन का “गोल्डन एज” आ सकता है। एआई मॉडेल्स उन कंटेंट को ज्यादा महत्व देंगे जो यूनिक और अलग हो—जैसे रेडिट जैसी प्लेटफॉर्म्स पर मिलता है। उन्होंने इंटरनेट को “स्विस चीज़” की तरह बताया, जिसमें कई खाली जगहें हैं। उनका मानना है कि आने वाले समय में वही क्रिएटर्स सफल होंगे, जो इन खाली जगहों को भर पाएंगे।


