अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए आर्थिक फैसले ने वैश्विक क्रिप्टो बाजार में भूचाल ला दिया है। चीन से आने वाले महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर और उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद बिटकॉइन और एथेरियम जैसी प्रमुख डिजिटल करेंसीज की कीमतों में भारी गिरावट आई है। निवेशक इस अस्थिर माहौल में चिंतित हैं कि आगे यह बाजार किस दिशा में जाएगा।
मुख्य तथ्य
- अमेरिका ने चीन से आने वाले सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर 100% टैरिफ लगाया।
- बिटकॉइन की कीमत 6% गिरकर 1.12 लाख डॉलर (करीब ₹99 लाख) पर पहुंची।
- एथेरियम में 24% की गिरावट, अब 3,845 डॉलर (करीब ₹3.40 लाख) पर।
- कुल क्रिप्टो मार्केट कैप में 12% की कमी, घटकर $2.23 ट्रिलियन रह गया।
- बिनेंस कॉइन और टीथर जैसी अन्य करेंसीज़ पर भी असर पड़ा।
अमेरिका-चीन तनाव का असर क्रिप्टो पर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन के खिलाफ कड़े व्यापारिक कदमों की घोषणा ने न केवल शेयर बाजार बल्कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार को भी हिला दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका 1 नवंबर 2025 से चीन के सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर और आयातित वस्तुओं पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। इस फैसले के तुरंत बाद वैश्विक निवेशकों में घबराहट फैल गई और डिजिटल करेंसीज़ की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट देखी गई।
बिटकॉइन और एथेरियम की कीमतों में भारी गिरावट
CoinMarketCap के आंकड़ों के अनुसार, बिटकॉइन में 7.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जिससे इसकी कीमत घटकर 1.12 लाख डॉलर (करीब ₹99 लाख) रह गई। वहीं, एथेरियम 12.24 प्रतिशत गिरकर 3,845 डॉलर (करीब ₹3.40 लाख) पर आ गया। सुबह 6:45 बजे तक बिटकॉइन और एथेरियम दोनों ही क्रमशः 8.40% और 15.62% तक गिर गए। इसके साथ ही वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैप भी 8.12% घटकर $2.23 ट्रिलियन पर पहुंच गया।
अन्य करेंसीज़ पर भी असर
सिर्फ बिटकॉइन और एथेरियम ही नहीं, बल्कि टीथर, बिनेंस कॉइन और सोलाना जैसी क्रिप्टोकरेंसीज़ पर भी असर पड़ा। टीथर में 0.1 फीसदी और बिनेंस कॉइन में 6.6 फीसदी की गिरावट आई। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमेरिका-चीन के बीच तनाव और बढ़ा, तो आने वाले हफ्तों में यह गिरावट और तेज़ हो सकती है।
क्यों आई यह गिरावट
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की ओर से दुर्लभ मृदा खनिजों (Rare Earth Minerals) पर निर्यात नियंत्रण की घोषणा के बाद अमेरिका ने यह कठोर कदम उठाया है। ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि चीन का यह रुख “अत्यंत आक्रामक” है और अमेरिका अब इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 1 नवंबर से अमेरिका चीन के सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लागू करेगा।
आगे क्या होगा?
क्रिप्टो विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन अगर व्यापार युद्ध और लंबा चला, तो डिजिटल संपत्तियों में निवेश करने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कई निवेशक फिलहाल ‘सेलिंग फेज’ में चले गए हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है। हालांकि, कुछ विश्लेषक इसे “दीर्घकालिक निवेश के लिए अवसर” भी मान रहे हैं।


