कोविड के दौरान शुरू हुई Google की ‘Work from Anywhere’ (WFA) नीति अब और सख्त हो गई है। पहले कर्मचारी साल में चार हफ्ते तक किसी भी जगह से काम कर सकते थे, लेकिन अब कंपनी ने नियम बदल दिया है — सिर्फ एक दिन भी दूर से काम करने पर पूरा हफ्ता ‘Work from Anywhere’ बैलेंस से घटाया जाएगा।
मुख्य तथ्य
- Google अब एक दिन WFA करने पर पूरे हफ्ते की कटौती करेगा।
- WFA नीति, Google की सामान्य हाइब्रिड पॉलिसी से अलग है।
- कुछ विभागों के कर्मचारियों को इसमें छूट नहीं मिलेगी।
- नीति तोड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई या नौकरी से हटाया जा सकता है।
- Amazon, Meta, और Apple जैसी कंपनियां भी ऑफिस उपस्थिति सख्त कर रही हैं।
Google ने अपने कर्मचारियों के लिए लागू ‘Work from Anywhere’ पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, अब चाहे कोई कर्मचारी एक दिन या पूरे पांच दिन WFA करे, इसे पूरा एक सप्ताह माना जाएगा और उतना ही बैलेंस घटा दिया जाएगा। यह अपडेट गर्मियों में लागू किया गया था और अब धीरे-धीरे सभी कर्मचारियों पर लागू हो रहा है।
कंपनी की हाइब्रिड पॉलिसी, जिसके तहत कर्मचारी सप्ताह में दो दिन घर से काम कर सकते हैं, में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन WFA पॉलिसी विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए है जो अस्थायी रूप से अपने मुख्य कार्यस्थल से दूर रहकर काम करना चाहते हैं। अब नए नियमों के तहत कर्मचारी दूसरे राज्य या देश के किसी Google ऑफिस से काम नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इससे कानूनी और वित्तीय जटिलताएं उत्पन्न होती हैं।
Google ने पहले भी रिमोट कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे तीन दिन ऑफिस आने की अनिवार्यता का पालन नहीं करेंगे, तो उनकी नौकरी पर असर पड़ सकता है। कुछ टीमों ने तो 50 मील के भीतर रहने वाले रिमोट कर्मचारियों को स्वेच्छिक बायआउट (Voluntary Buyout) ऑफर भी दिए थे। कंपनी का कहना है कि “इन-पर्सन सहयोग हमारे नवाचार और जटिल समस्याओं को सुलझाने का अहम हिस्सा है।”
टेक सेक्टर में यह ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। Apple, Meta, Microsoft और Amazon जैसी दिग्गज कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को हफ्ते में कम से कम तीन दिन ऑफिस आने का आदेश दे चुकी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में अब केवल 6% नौकरियां पूरी तरह रिमोट हैं, जबकि लगभग 88% नौकरियों में ऑन-साइट उपस्थिति अनिवार्य है — जो महामारी से पहले के स्तर के समान है।
रोजगार विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे बदलाव कर्मचारियों के मनोबल और रिटेंशन पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। कई कर्मचारी, जिन्होंने लचीली कार्य नीति के आधार पर जॉइन किया था, अब इस बदलाव से निराश हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह असंतोष आगे चलकर कर्मचारी पलायन (Employee Turnover) को बढ़ा सकता है।


