IndiGo को बड़ी राहत: DGCA ने FDTL नियमों में 10 फरवरी तक दी छूट

लगातार हो रही उड़ान रद्दीकरण और देरी के बीच DGCA ने ऑपरेशनल स्थिरता के लिए एक-बार की छूट दी

newsdaynight
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IndiGo को DGCA की बड़ी राहत, FDTL नियमों में छूट

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo पिछले सप्ताह से भारी परिचालन अव्यवस्था का सामना कर रही है। नई FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों के कारण पायलटों की कमी और बदलावों के चलते बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द हुईं। ऐसे हालात में DGCA ने एयरलाइन को अस्थायी राहत देते हुए कुछ नियमों में 10 फरवरी तक एक-बार की छूट दे दी है, ताकि संचालन सामान्य हो सके।

मुख्य तथ्य

  • DGCA ने IndiGo को FDTL नियमों में 10 फरवरी तक “one-time exemption” दी।
  • छूट केवल night-duty संबंधित बदलावों पर लागू होगी; सुरक्षा मानकों में ढील नहीं।
  • एयरलाइन ने सोमवार से flight operations कम करने का निर्णय लिया है।
  • शुक्रवार को IndiGo ने 500+ उड़ानें रद्द कीं; दिल्ली से सभी घरेलू उड़ानें मध्यरात्रि तक बंद।
  • DGCA ने कहा—IndiGo ने crew requirement को गलत आंका, जिसके कारण यह अव्यवस्था हुई।

IndiGo की भारी flight disruptions के बीच शुक्रवार को DGCA ने एयरलाइन को बड़ी राहत देते हुए नई FDTL नियमों के कुछ night-operations संबंधित प्रावधानों से 10 फरवरी तक एक-बार की छूट दे दी। यह छूट केवल ऑपरेशनल स्थिरता बहाल करने के उद्देश्य से दी गई है और DGCA ने साफ कहा कि इसे किसी भी तरह सुरक्षा मानकों में ढील न समझा जाए।

क्या है DGCA की दी गई छूट?

नए FDTL नियमों के अनुसार ‘night’ की अवधि रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक मानी जाती थी। DGCA की छूट के बाद यह परिभाषा IndiGo के लिए अब 12 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू होगी।
इसके अलावा, जहाँ नई FDTL norms night landings को केवल दो तक सीमित करते थे, वहीं छूट के तहत IndiGo के पायलट अब अधिकतम छह night landings कर सकेंगे।

साथ ही DGCA ने सभी एयरलाइनों के लिए यह भी संशोधन किया है कि पायलटों के 48 घंटे साप्ताहिक विश्राम के साथ अन्य प्रकार की leaves को भी जोड़ा जा सकता है। पहले यह प्रतिबंधित था।

IndiGo ने माना—crew requirement का गलत आकलन किया

गुरुवार को DGCA के साथ बैठक में IndiGo ने स्वीकार किया कि उसने नए नियमों के लिए आवश्यक crew requirement को कम आंक लिया था।
Airline का कहना है कि नए norms लागू होने के बाद वास्तविक आवश्यकता—

IndiGo को DGCA की बड़ी राहत, FDTL नियमों में छूट
यात्रियों के लिए बड़ी राहत! DGCA ने FDTL नियमों में अस्थायी छूट दी
  • 2,422 captains
  • 2,153 first officers
    की थी,
    जबकि मौजूदा उपलब्धता इससे कम है—
  • 2,357 captains
  • 2,194 first officers

यह अंतर ही Operational Disruption का मुख्य कारण बना।

Airline ने DGCA को यह भी बताया कि वह सोमवार (8 दिसंबर) से flight operations कम करेगी ताकि operations धीरे-धीरे स्थिर किए जा सकें और 10 फरवरी तक स्थिति सामान्य की जा सके।

IndiGo सबसे ज्यादा प्रभावित क्यों?

यद्यपि नए FDTL नियम सभी domestic airlines पर लागू हैं, लेकिन IndiGo सबसे अधिक प्रभावित हुई क्योंकि—

  • इसकी सबसे बड़ी fleet है (400+ aircraft)।
  • लगभग 2,300 flights प्रति दिन—देश में सबसे ज्यादा।
  • रात और early-morning उड़ानें सबसे अधिक।
  • उच्च aircraft-और-crew utilisation model, जिसमें थोड़ी सी गड़बड़ भी domino-effect पैदा कर देती है।

इसके विपरीत एयर इंडिया, आकाशा या अन्य carriers की उड़ान संख्या अपेक्षाकृत कम है, जिससे उन्हें rostering में अधिक flexibility मिलती है।

स्थिति बदतर कैसे हुई?

सोमवार से शुरू हुई देरी और cancellations हर दिन बढ़ती गईं।

  • बुधवार को लगभग 200 flights रद्द हुईं।
  • शुक्रवार को यह आंकड़ा 500 के पार चला गया।
  • दिल्ली airport से सभी domestic departures आधी रात तक बंद रहे।

DGCA की जांच में सामने आया कि नवंबर में एयरलाइन की 1,232 उड़ाने रद्द हुईं, जिनमें से

  • 755 FDTL/crew shortage के कारण,
  • 258 airspace/airport restrictions,
  • 92 ATC failures,
  • 127 अन्य कारणों से प्रभावित हुईं।

What next? IndiGo को हर 15 दिन में रिपोर्ट देनी होगी

DGCA ने स्पष्ट कहा है कि यह छूट अस्थायी है और पूरी तरह ट्रैक की जाएगी। IndiGo को—

  • crew utilisation,
  • crew availability बढ़ाने के उपाय,
  • operations stabilisation,
  • नए roster planning
    पर हर दो सप्ताह में रिपोर्ट देनी होगी।

एयरलाइन को 30 दिनों के भीतर full compliance की roadmap भी जमा करनी होगी।

पायलट संगठनों ने DGCA के इस निर्णय का विरोध किया और कहा कि सुरक्षा से जुड़ी norms में छूट नहीं मिलनी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि airline की lean staffing नीति ही इस संकट की जड़ है।

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