मथुरा–वृंदावन के युवा कथावाचक इंड्रेश उपाध्याय जी महाराज इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में हैं। उनकी भव्य शादी की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो चुके हैं। भक्तों के बीच अपार लोकप्रियता हासिल कर चुके इंड्रेश जी की शिक्षा, उनकी संस्था Bhaktipath और कथाओं की फीस को लेकर भी अब लोग जानना चाह रहे हैं।
मुख्य तथ्य
- इंड्रेश उपाध्याय जी की अनुमानित नेट वर्थ ₹21,96,00,00,000 बताई जाती है।
- 13 वर्ष की उम्र में भागवत गीता का अध्ययन पूर्ण कर लिया था।
- Bhaktipath Organisation के संस्थापक; 2.1M Instagram followers और 45M+ YouTube subscribers।
- कथाओं की फीस के आधिकारिक आंकड़े नहीं, लेकिन लोकप्रिय वक्ताओं की फीस ₹51,000–₹1,51,000 तक रहती है।
- युवाओं से जुड़ने वाली उनकी storytelling शैली ने उन्हें डिजिटल युग में बड़ा आध्यात्मिक चेहरा बनाया।
वृंदावन के प्रख्यात युवा कथावाचक इंड्रेश उपाध्याय जी महाराज का नाम इन दिनों लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। उनकी हाल ही में हुई भव्य शादी—जो वृंदावन और जयपुर दोनों जगहों पर पारंपरिक रीति से सम्पन्न हुई—ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। देशभर से बड़े संत, धर्मगुरु और हजारों भक्त इस समारोह में शामिल हुए।
कौन हैं इंड्रेश उपाध्याय जी महाराज?
7 अगस्त 1997 को मथुरा-वृंदावन में जन्मे इंड्रेश जी के पिता कृष्ण चंद्र शास्त्री महाराज स्वयं एक विद्वान कथा-व्याख्याता हैं। आध्यात्मिक वातावरण में पले-बढ़े इंड्रेश ने मात्र 13 वर्ष की उम्र में भागवत गीता का अध्ययन पूरा कर लिया था। इसी समय उन्होंने हिंदू शास्त्रों और पुराणों की गहरी समझ विकसित की।
युवा पीढ़ी को अध्यात्म से जोड़ने के उद्देश्य से उन्होंने Bhaktipath Organisation की स्थापना की। यह संस्था भक्ति, नैतिक मूल्यों और भारतीय परंपराओं के प्रसार में सक्रिय है।
आज इंड्रेश जी की प्रभावशाली ऑनलाइन मौजूदगी भी उनकी लोकप्रियता का बड़ा कारण है —
- Instagram: 2.1 मिलियन followers
- YouTube (Bhaktipath चैनल): 1.45 मिलियन से अधिक subscribers
उनकी कथाओं, भजनों और प्रवचनों की सरल और मधुर शैली लाखों लोगों को आकर्षित करती है।
शिक्षा और आध्यात्मिक प्रशिक्षण
इंड्रेश जी ने प्रारंभिक शिक्षा Vrindavan के Kanha Makhan Public School से प्राप्त की। लेकिन उनकी वास्तविक शिक्षा पारंपरिक गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत हुई। पिता के मार्गदर्शन में उन्होंने कम उम्र में ही भागवत, गीता और अन्य प्रमुख ग्रंथों को कंठस्थ किया।
उनके प्रवचनों का मुख्य फोकस—
- भक्ति और दिव्य प्रेम
- जीवन में नैतिकता और धर्म का पालन
- युवा पीढ़ी को भारतीय ज्ञान से जोड़ना
यही वजह है कि उनकी कथाएं न सिर्फ बुज़ुर्गों बल्कि आधुनिक युवाओं के बीच भी बेहद लोकप्रिय हैं।
कथा और प्रवचन की फीस कितनी है?
इंड्रेश उपाध्याय जी की फीस को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हैं, लेकिन कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। देशभर में कथावाचकों की फीस इस प्रकार देखी जाती है—
- स्थानीय कथावाचक: ₹11,000 – ₹51,000
- प्रख्यात कथावाचक: ₹51,000 – ₹1,51,000 (या उससे अधिक)
उनकी लोकप्रियता और विशाल भक्त संख्या को देखते हुए माना जाता है कि उनकी कथाओं का बजट भी इसी श्रेणी से ऊपर हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
नेट वर्थ और आय के स्रोत
हाल के अनुमान बताते हैं कि इंड्रेश उपाध्याय जी महाराज की संभावित नेट वर्थ लगभग ₹21,96,00,00,000 (2196 करोड़ रुपये) तक पहुंचती है।
उनकी आय के मुख्य स्रोत—
- कथाएं और धार्मिक कार्यक्रम
- भजन और आध्यात्मिक कॉन्टेंट
- डिजिटल प्लेटफॉर्म (YouTube revenue, donations, branding)
- धार्मिक आयोजनों व यात्राओं में सहभागिता
उनकी कथाओं में उमड़ती भक्तों की भीड़ उनके बढ़ते प्रभाव और लोकप्रियता को दर्शाती है।
आध्यात्मिक दुनिया के युवा आइकॉन
इंड्रेश उपाध्याय जी की लोकप्रियता केवल शास्त्रज्ञान के कारण नहीं है, बल्कि उनकी संवाद शैली, डिजिटल उपस्थिति और सरल personality ने उन्हें युवा पीढ़ी के दिल के बेहद करीब पहुंचा दिया है। उनकी हालिया शादी ने भी लोगों का ध्यान उनकी निजी जीवन और आध्यात्मिक यात्रा की ओर खींचा है।
आज वे भारत के उन चुनिंदा युवा आध्यात्मिक गुरुओं में शामिल हैं, जो परंपरा और आधुनिकता का सफल संगम प्रस्तुत कर रहे हैं।


