इज़राइली वायुसेना ने सना में सैन्य ठिकानों और ऊर्जा केंद्रों पर एयरस्ट्राइक की। हौथियों ने पहली बार क्लस्टर बम का इस्तेमाल किया।
मुख्य तथ्य
- इज़राइल ने यमन की राजधानी सना में हवाई हमले की पुष्टि की।
- हमले में राष्ट्रपति भवन वाले सैन्य परिसर, बिजली केंद्र और ईंधन भंडारण स्थल को निशाना बनाया गया।
- हौथी समूह ने पहली बार इज़राइल की ओर क्लस्टर बम दागा।
- हौथी 2023 से इज़राइल और रेड सी में जहाजों पर हमले कर रहे हैं।
- हमले को गाज़ा संघर्ष में फिलिस्तीनियों के समर्थन से जोड़ा जा रहा है।
यमन की राजधानी सना (Sanaa) एक बार फिर इज़राइली हमलों की चपेट में आ गई है। इज़राइल ने रविवार को पुष्टि की कि उसकी वायुसेना ने सना में कई ठिकानों पर हवाई हमले किए। इनमें राष्ट्रपति भवन वाला सैन्य परिसर, दो बिजली केंद्र और एक ईंधन भंडारण स्थल शामिल हैं। हौथी-नियंत्रित टीवी चैनल अल-मसीरा ने सुबह-सुबह हुए इस हमले की खबर दी थी, जिसके बाद इज़राइल ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की।
यह हमला खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यह 17 अगस्त के बाद पहली बार हुआ जब इज़राइल ने rebel-held (हौथी-नियंत्रित) सना को निशाना बनाया था। उस समय इज़राइल ने ऊर्जा संबंधी सुविधाओं को टारगेट किया था।
हौथियों का नया हथियार: क्लस्टर बम
इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) के एक अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस (AP) को बताया कि शुक्रवार रात यमन से दागा गया एक प्रोजेक्टाइल वास्तव में एक क्लस्टर बम था। अधिकारी के अनुसार, यह पहली बार है जब हौथी विद्रोहियों ने इज़राइल के खिलाफ क्लस्टर म्यूनिशन का इस्तेमाल किया है।
हौथी विद्रोही, जिन्हें ईरान का समर्थन प्राप्त है, 2023 से लगातार इज़राइल पर रॉकेट और ड्रोन हमले कर रहे हैं। इतना ही नहीं, रेड सी (लाल सागर) में गुजरने वाले जहाज भी उनके हमलों का शिकार हुए हैं। इन सभी हमलों का दावा हौथियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में किया है। उनका कहना है कि गाज़ा संघर्ष में वे हमास और अन्य फिलिस्तीनी गुटों के साथ खड़े हैं।
इज़राइल की प्रतिक्रिया और सुरक्षा चिंता
इज़राइल की वायुसेना ने इस हमले को सीधा जवाब करार दिया है। अधिकारी ने बताया कि अब तक दागे गए अधिकांश प्रोजेक्टाइल इज़राइली रक्षा तंत्र द्वारा बीच में ही नष्ट कर दिए गए हैं। लेकिन हौथियों के हथियारों में क्लस्टर बम के जुड़ने से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला केवल सैन्य दबाव बनाने का हिस्सा नहीं है, बल्कि रेड सी के जरिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों को भी खतरे में डालता है। पहले से ही तनावपूर्ण गाज़ा संघर्ष के बीच यह नया मोर्चा इज़राइल के लिए सुरक्षा और कूटनीति, दोनों स्तरों पर चुनौती साबित हो सकता है।