डॉ. डी.वाई. पाटिल स्टेडियम में गुरुवार को इतिहास रच दिया गया। महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत ने सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। जेमिमा रोड्रिग्स की 134 गेंदों में 127 रन की शानदार पारी और कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ उनकी 167 रन की साझेदारी ने मैच का पासा पलट दिया।
मुख्य तथ्य
- भारत ने 339 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए 341/5 रन बनाए।
- जेमिमा रोड्रिग्स ने नाबाद 127 रन (134 गेंदों में) की ऐतिहासिक पारी खेली।
- हरमनप्रीत कौर ने 89 रन बनाए, दोनों ने मिलकर 167 रन जोड़े।
- ऑस्ट्रेलिया की ओर से फोएबी लिचफील्ड ने 119 रन ठोके।
- भारत ने विश्व रिकॉर्ड रनचेज़ कर इतिहास रचा और फाइनल में जगह बनाई।
मुंबई के डी.वाई. पाटिल स्टेडियम में गुरुवार की शाम भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गई। जेमिमा रोड्रिग्स की नाबाद 127 रनों की पारी और कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ उनकी जुझारू साझेदारी ने भारत को सात बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाई। 339 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 48.3 ओवर में 341 रन बनाकर फाइनल में धमाकेदार प्रवेश किया।
मैच की शुरुआत हालांकि भारत के लिए निराशाजनक रही। सलामी बल्लेबाज शैफाली वर्मा दूसरे ओवर में ही एलबीडब्ल्यू हो गईं। इसके बाद स्मृति मंधाना और जेमिमा ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन मंधाना भी 46 रनों की साझेदारी के बाद आउट हो गईं। तभी मैदान पर जेमिमा और हरमनप्रीत की जोड़ी उतरी, जिसने भारत की किस्मत बदल दी।
दोनों ने 156 गेंदों में 167 रनों की साझेदारी की। हरमनप्रीत ने शुरू में संघर्ष किया, लेकिन जेमिमा ने रन रेट को कभी नीचे नहीं गिरने दिया। एक ओर जहां हरमन धैर्य से अपनी लय खोज रही थीं, वहीं जेमिमा ने हर अवसर का फायदा उठाते हुए चौके-छक्कों की बौछार की।
जब भारत 189/2 तक पहुंच गया, तो ऑस्ट्रेलिया के लिए मुश्किलें बढ़ गईं। हालांकि हरमनप्रीत कौर को साउथलैंड की गेंद पर गार्डनर ने बेहतरीन कैच लेकर आउट कर दिया। इसके बाद दीप्ति शर्मा और जेमिमा ने मोर्चा संभाला। दीप्ति के आउट होने के बाद ऋचा घोष मैदान पर आईं और उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से रन रेट को नियंत्रित रखा।

ऋचा ने कुछ बेहतरीन शॉट खेले, लेकिन 10वें ओवर में आउट हो गईं। अंत में जेमिमा और अमनजोत कौर ने मिलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। जैसे ही अमनजोत ने चौका लगाया, पूरा स्टेडियम जश्न में डूब गया। हरमनप्रीत कौर की आंखों में आंसू थे और जेमिमा घुटनों पर बैठ गईं — यह जीत वर्षों के संघर्ष और उम्मीदों का परिणाम थी।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से फोएबी लिचफील्ड ने 93 गेंदों में 119 रन बनाए। उन्होंने एलीस पेरी (77) और एश गार्डनर (63) के साथ मिलकर टीम को 338 रन तक पहुंचाया था। हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने मिडल ओवर्स में वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की रफ्तार धीमी कर दी। बाएं हाथ की स्पिनर स्री चरनी ने 10 ओवर में 49 रन देकर दो विकेट लिए और विपक्षी टीम को बड़ा स्कोर बनाने से रोका।
भारत की इस जीत ने न केवल एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया, बल्कि महिला क्रिकेट में आत्मविश्वास और जज्बे की नई मिसाल भी कायम की। अब टीम इंडिया का सामना फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से होगा, जहां हर नज़र जेमिमा और हरमनप्रीत पर टिकी होगी।


