अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। उन्होंने 2020-21 किसान आंदोलन के दौरान किए गए एक ट्वीट को लेकर दायर मानहानि केस को रद्द कराने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका सुनने से इनकार कर दिया। अब कंगना को इस मामले में ट्रायल कोर्ट के सामने अपनी दलीलें रखनी होंगी।
मुख्य तथ्य
- कंगना रनौत ने किसान आंदोलन से जुड़े मानहानि केस को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
- सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिका सुनने से इनकार किया और याचिका वापस लेने की इजाज़त दी।
- जस्टिस संदीप मेहता ने कहा – “यह केवल रीट्वीट नहीं था, आपने अपने कमेंट्स जोड़कर ‘स्पाइस’ डाला।”
- शिकायत पंजाब के बठिंडा की 73 वर्षीय महिंदर कौर ने 2021 में दर्ज कराई थी।
- हाई कोर्ट पहले ही कंगना की याचिका खारिज कर चुका था, अब केस ट्रायल कोर्ट में चलेगा।
बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत एक बार फिर कानूनी पचड़े में फंस गई हैं। शुक्रवार को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका वापस ले ली, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन से जुड़े मानहानि मामले को रद्द करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने साफ किया कि वे इस याचिका पर सुनवाई करने के पक्ष में नहीं हैं। कोर्ट ने कंगना के वकील से कहा कि वे ट्रायल कोर्ट में वैकल्पिक उपाय तलाश सकते हैं।
सुनवाई के दौरान जस्टिस मेहता ने कहा, “यह केवल एक साधारण रीट्वीट नहीं था। आपने इसमें अपने शब्द जोड़े और मसाला डाला।” जब वकील ने सफाई देने की कोशिश की तो कोर्ट ने कहा कि यह सफाई ट्रायल कोर्ट में दी जा सकती है।
क्या है पूरा मामला?
यह केस पंजाब की बठिंडा ज़िले की रहने वाली 73 वर्षीय महिला किसान महिंदर कौर ने 2021 में दर्ज कराया था। उनका आरोप है कि कंगना ने ट्विटर (अब एक्स) पर किसान आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ गलत टिप्पणियां कीं। कंगना ने एक महिला प्रदर्शनकारी को शाहीन बाग की ‘दादी’ बताया था और यह दावा किया था कि वही किसान आंदोलन में भी मौजूद हैं।
महिंदर कौर का कहना है कि कंगना के इस ट्वीट से उनकी छवि खराब हुई और समाज में गलत संदेश गया। इसी आधार पर उन्होंने बठिंडा कोर्ट में आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई।
हाई कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
इससे पहले कंगना ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया था। लेकिन हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट का कहना था कि कंगना यह साबित नहीं कर पाईं कि उनकी टिप्पणी “सद्भावना में की गई थी।”
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
जब कंगना के वकील ने कहा कि वह पंजाब नहीं जा सकतीं, तो सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि वह पर्सनल अपीयरेंस से छूट ले सकती हैं। लेकिन कोर्ट ने साफ किया कि ट्वीट की भाषा पर वे टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि इससे ट्रायल में उनकी डिफेंस पर असर पड़ सकता है।
अब यह केस ट्रायल कोर्ट में आगे बढ़ेगा और कंगना को वहीं अपनी दलीलें पेश करनी होंगी।